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क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बात और साफ की है कि जहां क्रिप्टोकरंसी पर होने वाली आय पर टैक्स लगेगा, वहीं अगर क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है इस पर घाटा हुआ तो भी टैक्स देना होगा. क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं किसी भी वर्चुअल एसेट्स के ट्रांसफर पर होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. वहीं एक निश्चित सीमा से क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है अधिक के ट्रांजेक्शन पर टीडीएस भी लगाने का क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है एलान किया गया है. फिलहाल इस कदम से यह तय है कि सरकार क्रिप्टोकरंसी पर किसी तरह का बैन नहीं लगाने जा रही है. लेकिन इससे होने वाली आय पर भारी भरकम टैक्स लगा दिया गया है. सरकार के इस कदम से क्रिप्टोकरंसी में निवेश को लेकर ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी.

Budget 2022: क्रिप्टो करंसी से हुआ घाटा तो भी देना होगा टैक्स, सेंट्रल बैंक जल्द लॉन्च करेगा ‘डिजिटल रुपया’

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब?

​क्रिप्टो करेंसी पर सरकार का रुख

वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन का भाव सातवें आसमान पर है. भारत में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने वाली है. क्रिप्टो करेंसी पर सरकार ने साल 2019 में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है दे दी है.

इसके आधार पर क्रिप्टो करेंसी बिल का मसौदा बना है. हालांकि, इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. जानिए 2019 में आए इस मसौदे में क्या था खास और क्या होगा आप पर इसका असर:

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भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में जब क्रिप्टोकरेंसी से हुई इनकम को आयकर के दायरे में लाने की घोषणा की, तब से डिजिटल करेंसी की चर्चा हो रही है. डिजिटल संपत्तियों को टैक्स की जांच के दायरे में लाकर सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वह इस मुद्रा पर प्रतिबंध लगाने के मूड में नहीं है. हालांकि, यह देखना बाकी है कि इसे कब कानूनी मान्यता दी जाएगी. आर्थिक क्षेत्र में नई डिजिटल करेंसी के आने के बाद जरूरी है कि हम डिजिटल करेंसी में निवेश करने के तौर तरीकों को सही से समझें.

हैदराबाद: लोगों के फाइनेंशियल स्टेटस को बेहतर बनाने और कुछ क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है ग्लोबल इनवेस्टर्स के फॉल में डिजिटल करेंसी का बड़ा योगदान रहा है. उदाहरण के लिए, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन दो बार ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया. पिछले साल मई में बिटकॉइन के एक सिक्के की कीमत 51 लाख रुपये तक पहुंच गई थी, जिसके बाद इसमें तेजी से गिरावट आई. नवंबर में यह फिर से बढ़कर 54 लाख रुपये का हो गया. फिलहाल इसकी कीमत 35 लाख रुपये के करीब है. चूंकि बिटकॉइन सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है, इसलिए इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव अन्य क्रिप्टोकरेंसी को भी प्रभावित करता है. कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट क्रिप्टो को 'बुलबुला' बताकर खारिज कर दिया. इसके बावजूद कई लोगों का मानना ​​है कि उन्होंने बड़ी रकम कमाने का एक अच्छा मौका गंवा दिया. क्या आपके विचार भी ऐसे ही हैं.

2022 में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट पर मिलेगा जोरदार रिटर्न अगर फॉलो करेंगे ये बुनयादी बातें

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इक्विटी के साथ क्रिप्टो निवेशकों के लिए 2021 बहुत अच्छा साबित हुआ है। कुछ क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में तो 5,000 से 7,000% तक की वृद्धि हुई है जिससे निवेशकों को रिकॉर्ड तोड़ रिटर्न मिला। बिटकॉइन और एथेरियम जैसे ब्लूचिप क्रिप्टो में 2021 में 35-40% की वृद्धि हुई। बिटकॉइन की कीमतें अप्रैल में 51 लाख रुपये तक पहुंच गई थी लेकिन पर्यावरण पर प्रभाव को लेकर एलन मस्क के ट्वीट और चीन के क्रिप्टो ट्रेडिंग पर नियमों में सकती करने से इसमें तेजी से गिरावट आई थी। अभी बिटकॉइन की कीमत 39.91 लाख रुपए पर है, जो साल की शुरुआत की तुलना में लगभग 32% अधिक है।

जल्द आएगी देश की पहली डिजिटल करंसी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान वर्ष 2022-23 से देश में डिजिटल करंसी की शुरुआत किए जाने का एलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ‘डिजिटल रुपये’ की शुरुआत करने से देश में करेंसी मैनेजमेंट में क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है काफी सुधार होगा.

BeSingular के फाउंडर और CEO नितेश जैन का कहना है कि सरकार का रुख इस बजट में प्रोग्रेसिव रहा है. सरकार आगे की ओर देख रही है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण देश में पहली डिजिटल करंसी का एलान है. रेगुलेटेड डिजिटल करंसी का मतलब है कि यह फारवर्ड लुकिंग है और ब्लॉकचेन और अन्य एक्सपोनेंशियल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की भावना में है.

बता दें कि सरकार लंबे समय से देश में क्रिप्टोकरंसी और दूसरे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए एक बिल लाने पर विचार कर रही है. इस बिल को ‘क्रिप्टो बिल’ के नाम से भी जाना जाता है. पहले इस बिल को शीतकालीन सत्र में लाया जाना था.

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