एशियाई सत्र

प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि वे बैठक में अपने प्रलेख एशियाई सत्र लेकर आएँ। सम्मेलन कक्ष के प्रलेख (सीआरडी) और अतिरिक्त प्रलेख, यदि कोई हों, सम्मेलन कक्ष के बाहर पंजीकरण डेस्क पर उपलब्ध होंगे।
एशियाई सत्र
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए (यूएन - एस्कैप) की सहायक शरीर
1965 में मनीला में आयोजित औद्योगीकरण पर एशियाई सत्र पहली एशियाई कांग्रेस में यह सिफारिश की थी कि सुविधाओं के लिए तकनीकी जानकारी और पता है कि कैसे एशिया प्रशांत क्षेत्र में हस्तांतरण का प्रसार करने के लिए बनाया जा. सिफारिशों की एक श्रृंखला एशियाई सत्र पर तब से क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में तेजी लाने के लिए एक क्षेत्रीय व्यवस्था के लिए किए गए थे. बाद में, 159 (1975) तीस पहली और तीस सेकंड एस्केप (1976) सत्र के संकल्प और 164 के माध्यम से, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए क्षेत्रीय केंद्र (RCTT) भारत में बंगलौर में 16 जुलाई 1977 को स्थापित किया गया था. भारत सरकार केंद्र के लिए मेजबान सुविधाओं की पेशकश की. एस्कैप के चालीस पहले सत्र में, 243 29 मार्च 1985 (xli) संकल्प के बाद केंद्र एशियाई नाम दिया गया था और इस सत्र में पारित प्रौद्योगिकी (APCTT) की संविधि की शर्तों के तहत स्थानांतरण के लिए प्रशांत केंद्र. APCTT 1 जुलाई 1993 को बंगलौर से नई दिल्ली के लिए जगह बदली थी. मेजबान देश समझौते केंद्र लागू उन्मुक्ति और विशेषाधिकारों के साथ एक संयुक्त राष्ट्र संस्था की स्थिति के अनुसार औपचारिक रूप से एस्केप और 11 अप्रैल 1994 को भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. संकल्प के माध्यम से 61 / 4 18 एशियाई सत्र पर साठ एस्कैप के पहले सत्र मई 2005, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (APCTT) बल में प्रवेश के लिए एशियाई और प्रशांत केंद्र के एक संशोधित एशियाई सत्र संविधि में अपनाया.
डॉलर की मजबूती और मंदी की आशंका से सहमे एशियाई बाजार, लंबा चल सकता है गिरावट का दौर
आज शुरुआती कारोबार में ही भारत सहित लगभग सभी एशियाई बाजार गिर गए हैं.
भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट एशियाई सत्र दिखी और सेंसेक्स खुलते ही 500 अंक टूट गया. जापान . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 28, 2022, 11:07 IST
जापान का निक्की 2.1% और दक्षिण कोरियाई शेयर बाजार 2.4% गिर गया है.
चीन के हालात भी कुछ अच्छे नहीं है. चीनी ब्लू चिप्स 0.6% गिरा है.
बीएसई सेंसेक्स बुधवार को खुलते ही 500 अंक टूट गया.
नई दिल्ली. एशियाई शेयर बाजार बुधवार 28 सितंबर को भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं. कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से मांग में कमी से मंदी आने की आशंका और डॉलर मजबूत होने से निवेशक शेयर बाजार से दूर हो रहे हैं. अमेरिका में बेकाबू महंगाई, ब्रिटेन सहित लगभग बड़े यूरोपिय देशों में खराब होते आर्थिक हालात भी एशियाई बाजारों के लिए विलेन बन गए हैं. आज शुरुआती कारोबार में ही भारत सहित लगभग सभी एशियाई बाजार गिर गए हैं.
Share Market: एशियाई बाजारों में गिरावट, भारतीय मार्केट का क्या होगा हाल?
Stock Market एशियाई सत्र News Update Today: बिकवाली के दबाव से शेयर बाजार में क्या आज भी गिरावट देखने को मिलेगी? या कुछ संकेतों को देखकर ये अंदेशा लगा सकते हैं कि मार्केट में आज रौनक रहने वाली है? आज कैसा रहेगा मार्केट का हाल और क्या संकेत दे रहे हैं विदेशी शेयर बाजार, आपको सब बताएंगे.
पिछले सत्र की बात करें तो सेंसेक्स 21 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 62,294 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 29 अंक चढ़कर 18,513 पर बंद हुआ था.
विदेशी शेयर मार्केट का क्या हाल?
अमेरिकी शेयर बाजार में जो गिरावट पिछले कुछ समय से देखने को मिल रही थी, उसमें थोड़ा विराम लगता नजर आ रहा है. अमेरिकी बाजार में पिछले कारोबारी सत्र में मिला जुला असर देखने को मिला था.
NASDAQ 0.52% के नुकसान पर बंद हुआ था, जबकि S&P 500 पिछले सत्र में 0.03% की गिरावट दिखी. DOW JONES में 0.45 फीसदी का उछाल देखने को मिला.
यूरोपीय बाजारों में ज्यादातर शेयर बाजार बढ़त बनाते नजर आ रहे हैं. प्रमुख बाजारों की बात करें एशियाई सत्र तो जर्मनी का शेयर मार्केट पिछले सत्र में 0.01% की बढ़त एशियाई सत्र बनाने में कामयाब रहा. फ्रांस का शेयर मार्केट 0.08 फीसदी चढ़कर बंद हुआ. लंदन स्टॉक एक्सचेंज भी 0.27 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ था.
एशिया के बाजारों का क्या हाल?
एशिया के ज्यादातर शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले हैं. सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज पर आज सुबह 0.35 फीसदी जबकि जापान के निक्केई पर 0.47 फीसदी की गिरावट दिखी है. दक्षिण कोरिया के कॉस्पी पर 0.99 फीसदी का नुकसान दिखा जबकि ताइवान के शेयर बाजार में 1.23 फीसदी की गिरावट दिखी.
पिछले कारोबारी सत्र की बात करें तो भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ता नजर आ रहा है. पिछले सत्र में विदेशी निवेशकों ने बाजार में 369 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. हालांकि इसी दौरान घरेलू निवेशकों ने 295 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. कुल मिलाकर कहें तो एशियाई सत्र आज भारत के बाजार का मिला-जुला हाल देखने को मिल रहा है.
(डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.)
एशियाई सत्र
एफ.ए.ओ/डब्ल्यू.एच.ओ की एशिया समन्वय समिति का 21वाँ सत्र (सी.सी.एशिया21)
एफ.ए.ओ/डब्ल्यू.एच.ओ की एशिया समन्वय समिति का 21वाँ सत्र (सी.सी.एशिया21) 23 से 27 सितंबर, 2019 तक डबल ट्री बाई हिल्टन गोआ – पणजी, गोआ, भारत में सम्पन्न हुआ।
- यह सत्र 23 सितंबर, 2019 को ग्रांड बालरूम में 09:30 बजे आरंभ हुआ।
टिप्पणी : एफ.ए.ओ/डब्ल्यू.एच.ओ की एशिया समन्वय समिति के 21वें सत्र (सी.सी.एशिया21) का वीडियो देखें।
पंजीकरण
भागीदारों को कोडेक्स वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओ.आर.एस) से पूर्व-पंजीकृत करने के लिए कोडेक्स संपर्क बिंदुओं का आह्वान किया जाता है। भागीदारों का साइट पर पंजीकरण बैठक के स्थल पर ग्रांड बालरूम के बाहर रजिस्ट्रेशन डेस्क पर रविवार दिनांक 22 सितंबर, 2019 के 14:00 बजे से 18:00 बजे तक और सोमवार, दिनांक 23 सितंबर,2019 के 08:00 बजे से होगा। प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि होटल और बालरूम में आने के लिए वे अपना नाम-बैज भली-भाँति पहनकर रखें।
विस्तार
भारतीय मास्टर्स एथलेटिक्स संघ (एमएएफआई) अगले साल देश में एशियाई मास्टर्स मैराथन के शुरुआती सत्र का आयोजन करेगा। एमएएफआई द्वारा जारी एशियाई सत्र विज्ञप्ति के अनुसार मैराथन में 40 से अधिक एशियाई देशों के 35 वर्ष से अधिक आयु के एथलीट हिस्सा लेंगे। इसमें एथलीटों के फुल मैराथन (42.195 किमी), हाफ मैराथन (21.097 किमी) और 10 किमी दौड़ में भाग लेने की उम्मीद है।
एमएएफआई ने कहा कि 2022 की अंतिम तिमाही में होने वाली दौड़ उच्चतम तकनीकी मानकों के अनुसार आयोजित की जाएगी।
एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स (एएमए) के सचिव एस शिवप्रगसम ने कहा, अक्तूबर 2021 में हुई बैठक में समिति ने एमएएफआई द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का समर्थन किया और भारत को मेजबानी का अधिकार दिया। उन्होंने कहा, एएमए इस आयोजन के लिए एमएएफआई को तकनीकी सहायता मुहैया कराएगा।