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ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं

ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अक्सर बिजनेस की खबरें पढ़ने के दौरान कुछ शब्द बार-बार सामने आते हैं जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी प्रमुख हैं। अखबार पढ़ने या टीवी देखने के दौरान पता चलता है कि सेंसेक्स ने इतना रिकॉर्ड स्तर छुआ या सेंसेक्स में गिरावट के चलते निवेशकों का लाखों का नुकसान हुआ, ऐसे में आम लोगों के मन में भी दिलचस्पी उठना स्वाभाविक होता है कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या होता हैं? जिससे लोगों के नफा- नुकसान जुड़ा होता है। साथ ही, अगर शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए आप की सोच रहे हैं तो भी इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। आइए इस इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

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शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

इन दिनों शेयर मार्केट के बारे में हर कोई चर्चा कर रहा है, हो सकता है आप भी अपना पैसा स्टॉक मार्केट में लगाने के बारे में सोच रहे हों। आज हम शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे बात करने वाले हैं। शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ से आप अच्छा-ख़ासा पैसा कमा सकते हैं लेकिन इसके विपरीत भी हो सकता है यानी आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

ताजा उदाहरण देखें तो हाल ही में आये कोरोना महामारी की वजह से स्टॉक मार्केट बुरी तरह से गिर गया था सभी निवेशकों के पोर्टफोलियो में 80-90% तक का नुकसान दिखाई दे रहा था इस स्थिति में जिन लोगों ने घबराहट में अपने स्टॉक्स बेच दिए उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।

लेकिन यह महामारी शेयर बाजार के जानकारों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया था। बड़े निवेशकों को ऐसे मौके का इंतजार होता है और इस मौके पर अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स को बहुत कम भाव में खरीद पाते हैं। कोरोनाकाल के बाद मार्केट बड़ी तेजी से ऊपर जाता हुआ दिखा और अपने उच्चतम स्तर को भी तोड़कर ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं आगे बढ़ चुका है। इस प्रकार से स्टॉक मार्केट के अपने फायदे भी है और नुकसान भी आइये शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शेयर बाजार के फायदे

कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना: शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें कम समय के निवेश में भी अधिक लाभ कमाए जा सकते हैं। यदि हम बैंक एफडी, बचत खाते आदि की बात करें तो ये सभी लम्बे अवधि के निवेश में एक निर्धारित रिटर्न दे पाते हैं लेकिन स्टॉक मार्केट में कम अवधि में अच्छा मुनाफा मिल सकता है यह पूरी तरह से निवेश किये गये कम्पनी के कामकाज और मार्केट के माहौल पर निर्भर करती है।

अधिक रिटर्न मिलने की संभावना: चूंकि अधिकांश सूचीबद्ध शेयर इक्विटी शेयर हैं, उनका मूल्य सीधे कंपनी के मूल्य से संबंधित है, इस प्रकार जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो कंपनी के शेयरों के मूल्य में पर्याप्त वृद्धि होती है जो अच्छा रिटर्न प्रदान करती है।

कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है: जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं। चाहे आपके पास कितने भी शेयर क्यों न हो आप कंपनी के ग्रोथ में भागीदार होते हैं और बदले में आपको वोटिंग अधिकार, लाभांश, बोनस आदि प्राप्त हो सकते हैं।

शेयर बाजार के नुकसान

अस्थिर निवेश: शेयर बाजार अत्यंत अस्थिर (volatile) है इसमें लगातार उतार-चढाव होते रहते हैं। शेयर का भाव कभी भी बढ़ सकता है ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं या घट सकता है। शेयरों के मूल्य को प्रभावित करने वाले कोई एक नही बल्कि कई सारे कारक हैं जैसे: बजट, सरकारी नीतियां, क्षेत्रीय घटनाएँ, महामारी या आपदाएं, कंपनी के लाभ-हानि, कंपनी के प्रबंधन में परिवर्तन आदि।

जानकारी का आभाव: स्टॉक मार्केट में ज्यादातर निवेशक किसी ब्रोकर या अन्य व्यक्ति की राय से अपना पैसा निवेश कर देते हैं जो की सही नही है। निवेश करने से पहले निवेशक को स्वयं शेयर बाजार का ज्ञान लेना जरुरी है। हालांकि सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के द्वारा कंपनियों को निवेशकों के लाभ के लिए सम्बंधित जानकारी का खुलासा करने ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं का निर्देश होता है। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश निवेशक अपने लाभ के लिए इस जानकारी का विश्लेषण और उपयोग करने में असमर्थ हैं। निवेशकों को इसके लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की बहुत ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ज्यादा आवश्यकता है।

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 10 तरीके

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 10 तरीके


लाभ और हानि शेयर बाजार के दो पहलू हैं शेयर बाजार में किसी को फायदा तो किसी को नुकसान होना तय है समय-समय पर निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ता है किंतु यदि शेयर मार्केट में कुछ सावधानियां बरती जाएं तो होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

शेयर मार्केट में नुकसान से बचने के लिए टिप्स और तौर तरीके इंटरनेट पर आसानी से मिल जाएंगे यदि आपको शेयर बाजार में अनुभव और जानकारी नहीं है तो यह तौर तरीके और टिप्स किसी काम के नहीं हैं .

यदि आपको शेयर बाजार में होने वाले नुकसान से बचना है तो आपको शेयर मार्केट के बारे में जानकारी रखनी होगी बाजार के लिए आपको समय देना होगा

शेयर मार्किट क्या है ? What is Share market in Hindi?

Share Market kya hai? Share market या stock market एक ऐसा मार्किट जंहा कंपनी के शेयर की Selling aur Purchasing की जाती है यानि जिस मार्किट के अन्दर कंपनीज के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है उसे Share market या stock market कहते है शेयर मार्किट के अंदर बहुत सी कंपनी अपने शेयर Issue करती है और बहुत से इंवेस्टवेर उन्हें खरीदते है और फिर उन्हें बेचते है और इस प्रक्रिया को Stock Market ट्रेडिंग कहते है share market in hindi basic knowledge

और यह एक बहुत से लोग बहुत सारा ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं पैसा कमाते है और बहुत से लोग बहुत सारा पैसा डूबा भी देते हैकंपनी के शेयर की कीमत कभी घटती ही तो कभी बढती रहती है इसलिए Share market in hindi बहुत जोखिम वाली मार्किट है क्योकि यदि कोई किसी कंपनी के के शेयर खरीदता है तो उस इन्वेस्टर की उस कंपनी के लाभ और हानि के अन्दर हिसेदारी हो जाती है तो कंपनी अच्छी परफॉरमेंस के साथ काम कर रही है तो शेयर का रेट कम नही होगा और इन्वेस्टर को लाभ होगा और कंपनी की परफॉरमेंस अच्छी नही है तो इन्वेस्टर के शेयर रेट कम हो जायेगा और उसके पैसे डूब जायेंगे | share market ke fayde

शेयर बाजार के फायदे – Share Market Benefits hindi

उच्च लिक्विडिटी (High Liquidity) :- इंडियन शेयर मार्किट में, दो एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) हैं ज्यादातर कंपनियां या तो इन इन दोनों एक्सचेंजों पर या इनमें से किसी एक में अपने शेयरों का बिज़नेस करती हैं। यह निवेशकों को उच्च ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं लिक्विडिटी प्रदान करता है क्योंकि औसत दैनिक मात्रा अधिक होती है। इसलिए, यदि कोई इन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंजों पर किसी भी शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है, तो लिक्विडिटी इसे आसान बनाती है।

कम समय अवधि में उच्च रिटर्न (High returns) :- Bonds और Fixed Deposits जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं से तुलना की जाये तो शेयर मार्किट निवेशकों को तुलनात्मक रूप से कम समय अवधि में अधिक रिटर्नदेता है लेकिन शेयर मार्किट रूल को फॉलो करना पड़ेगा जैसे : ट्रेडिंग की योजना बनाना, स्टॉप–लॉस और ले–प्रॉफिट ट्रिगर्स का उपयोग करना, अनुसंधान और उचित परिश्रम करना, और धैर्यवान होने से स्टॉक निवेश में निहित risk को काफी कम किया जा सकता है और शेयर बाजार निवेश पर रिटर्न को बढाया जा सकता है |

Share Market Benefits hindi

लाभ और हानि की कोई सीमा नहीं :- शेयर मार्किट के अन्दर प्रॉफिट और loss की कोई लिमिट नही है इसके अन्दर इन्वेस्टर के उपर निर्भर करता है की कितने अच्छे से ट्रेडिंग कर सकता है और अच्छे पैसे कमा सकता है |

No Time और Space Limit :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है ओ आप अपनी मर्जी के हिसाब से ट्रेडिंग कर सकते है और इसके लिए ज्यादा स्पेस की जरुरत नही पड़ती है और जंहा अच्छा इन्टरनेट मिले वंहा से ट्रेडिंग कर सकते है |

Regulatory Environment and Framework :- इंडियन स्टॉक मार्किट को ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है SEBI के पास स्टॉक एक्सचेंजों को विनियमित करने, इसके विकास और इन्वेस्टर के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इसका मतलब यह है कि जब इन्वेस्टर शेयर बाजार में वित्तीय प्रोडक्ट में निवेश करते हैं तो उसके साथ कोई धोखाधड़ी नही हो सकती है

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इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं Nifty और Sensex

दरअसल, भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं इंडेक्स नहीं हैं। इसके अलावा भी कई इंडेक्स शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने में किया जाता है। इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की एवरेज चाल का संकेत देने वाला Banking Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index या स्टील और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स आदि।

बता दें कि ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या ब्रोकर या सलाहकारों के लिए बेहद जरूरी काम के होते हैं। वहीं, एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान को समझना हो या किसी स्टॉक का भविष्य का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स को मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है।

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