फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें

fixed deposit क्या होता है – what is fixed deposit
फिक्स्ड डिपॉजिट में आप अपने पैसों को एक निश्चित अवधि के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं और Fixed ब्याज़ दर पर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. आपकी Fixed deposit पर ब्याज़ दर savings account की तुलना में अधिक होती है, इसलिए आप अपनी Saving को अधिक बढ़ा सकते हैं. यहां जानें कि आप आसानी से पैसे बचाने के लिए FD में कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट का मतलब क्या है?
FD का मतलब एक ऐसे अकाउंट से है जिसमे बैंक एक निश्चित समय के लिए आपकी राशि को सुरिक्षत रखता है वो भी ब्याज के साथ .. what is fixed deposit
एफडी का हिंदी अर्थ क्या है?
फिक्स्ड डिपाजिट मीनिंग इन हिंदी क्या होता है फिक्स्ड डिपाजिट का शार्टफॉर्म एफडी होता है और इसका हिंदी अर्थ- सावधि जमा या मियादी जमा होता है what is fixed deposit
बैंक में फिक्स डिपॉजिट करवाने के फायदे (Benefits of fixed deposit in a bank) –
अधिकतर लोग फिक्स्ड डिपॉजिट को एक निश्चित ब्याज और टैक्स से राहत पाने के लिए बैंक में एफडी करवाते हैं।
पैसों को सुरक्षित रखने का एक आसान तरीका है जिसके साथ साथ ब्याज भी मिलता है।
इसके अलावा भी Fixed deposit करवाने के अनेक फायदे होते हैं।
बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बैंक में एफडी करवाने के फायदे क्या हैं
आइए आज हम जानते हैं कि बैंक में एफडी के फायदे क्या क्या है
बैंक FD के फ़ायदे (Benefits of Bank Fixed deposit )
1.एफडी पर लोन की सुविधा (Loan facility against FD)-
बैंक में एफडी करवाने के बाद जब हमें पैसों की आवश्यकता पड़ती है तो हम समय से पहले ही FD को तुड़वाने के बारे में सोचते हैं ऐसा करने पर ना तो हमें एफडी का ब्याज मिल पाता है और ना ही एफडी अपने पूर्ण समय तक चलती है।
एफडी में निवेश किया गया पैसा हम बिना FD तुड़वाए ही जरूरत के समय उपयोग में ले सकते हैं क्योंकि बैंक हमें एफडी पर लोन की सुविधा प्रदान करता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट पर लोन की सुविधा होती है फिक्स डिपाजट की कुल राशि का 90% तक लोन मिल सकता है। इस लोन की ब्याज दर आपके निवेश की गई राशि पर मिलने वाले ब्याज से 1 फ़ीसदी ज्यादा होती है। what is fixed deposit
2. हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा (health insurance benefits) –
अगर आपने बैंक में एफडी करवा रखी है तो बहुत से बैंक ऐसे हैं जो आपको बैंक एफडी पर ही हेल्थ इंश्योरेंस पीते रहे होते हैं।
इन बैंकों में एफडी करवा कर फ्री में हेल्थ इंश्योरेंस पा सकते हैं।
3. क्रेडिट कार्ड मिलता है (get credit card) –
क्रेडिट कार्ड की अनेक फायदे होते हैं ऐसे में कई बैंक एफडी पर अपने खाता धारकों को क्रेडिट कार्ड प्रदान करते हैं। एफडी की रकम का 85% क्रेडिट लिमिट तक कार्ड मिलता है।
लो क्रेडिट स्कोर या नो क्रेडिट स्कोर वाले लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के खर्च की सिक्योरिटी के लिए बैंक एफडी का इस्तेमाल किया जाता है।
4. 5 लाख की गारंटी (5 lakh guarantee)-
हम अपने पैसों को ब्याज के साथ बैंकों में सुरक्षित रखते हैं बैंकों में एफडी करवाना सुरक्षित निवेश होता है अगर किसी भी कारणवश बैंक डूबता है या बंद हो जाता है।
तो एफडी खाता धारकों को सरकारी गारंटी के तौर पर ₹500000 तक प्रदान किए जाते हैं।
दोस्तों इस प्रकार आप Fixed deposit के फायदों के बारें में जान चुके है अब आप किसी भी बैंक में अपनी रकम को FD के रूप में जमा करवा सकते है यह एक सुरक्षित तरीका है पैसो को स्टोर करने का … what is fixed deposit
स्मार्ट इन्वेस्टर कैसे बने
ये बात तो हम सब मानते हैं न कि किसी भी काम में एक्सपर्ट होने के लिए हमें उसके बारे में पूरा ज्ञान और समझ होनी चाहिए तभी हम उस चीज़ में पर्फ़ेक्ट बनते है इसी तरह smart investor बनने के लिए भी आपको इन्हीं चीजों की आवश्यकता होनी चाहिए लेकिन अगर आप इस विषय में दिलचस्पी रखते हैं तो हम आपको आज बतायेंगे की आप एक स्मार्ट इन्वेस्टर कैसे बनें।
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तो दोस्तों यदि आप इन्वेस्टर बनने में रुचि रखते हैं तो सबसे पहले आपको इस विषय की कुछ बेसिक जानकारी होनी चाहिए। यदि आपको इसके बारे में जानकारी है और आपके दिमाग में ज्यादा टाइम यही चलता है कि आप एक अच्छे इन्वेस्टर कैसे बने और internet पर हमेशा इससे जुड़ी जानकारियों को खोजते रहतें है तो आज से आपकी तलाश ख़त्म क्योंकि आज हम आपको इन्वेस्टर से जुड़ी कुछ ऐसी लाभकारी बातें आपको बतायेंगे जो आपकी स्मार्ट इन्वेस्टर बनने में मदद करेगें। और ये भी जानेंगे कि आप कहां-कहां इन्वेस्ट कर सकते हैं।
कहां-कहां कर सकते हैं इन्वेस्ट
इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको ये पता होना चाहिए कि आप कहां-कहां इन्वेस्ट कर सकते हैं। यदि पैसे बचाने में अच्छे हैं या फिर अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए अपने पैसे बचाना चाहते हैं तो आप कई जगहों पर इन्वेस्ट कर सकतें है।जैसे:-
स्टॉक मार्केट (stock market)
इक्विटी निवेश (Equities Investment)
म्युचुअल फंड (Mutual Funds)
फिक्स्ड डिपॉजिट करवा सकते है (Fixed Deposit)
बांड इन्वेस्टमेंट (Bond Investment)
पोस्ट ऑफिस में निवेश (Post Office Investment)
सीनियर सिटीजन सेविंग स्किम (Senior Citizen Savings Scheme)
प्रोविडेंट फंड (Provident Fund)
इन्वेस्टमेंट के सिद्धांतों को समझें
एक अच्छा इन्वेस्टर बनने के लिए सबसे पहले तो आपको इन्वेस्टमेंट के सिद्धांतों को समझना चाहिये। आपको सबसे पहले ये समझना होगा कि आप कैसे और कहां इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसकी बेहतर जानकारी के लिए आपको इससे जुड़ी हर तरह का ज्ञान होना चाहिए। इसके लिए आप इन्वेस्टमेंट से जुड़ी किताबे पढ़ सकते हैं,या किसी बड़े इन्वेस्टर से सलाह ले सकतें है ताकि आप भी बड़े-बड़े इन्वेस्टर की सूची में खुद को शामिल कर सकतें हैं।
मार्केट की रणनीतियों पर ध्यान दें
मार्केट चाहे stocks की हो या कोई भी जरूरी वस्तुओं की उसमें आय दिन बदलाव तो होते ही रहतें है। उसी तरह investment market में होने वाले सभी प्रकार के उतार-चढ़ाव के इस पैटर्न को समझना होगा। और मार्केट की रणनीतियों पर ध्यान देना होगा। और अच्छे रिटर्न वाली इसवेस्टमेंट को सीखना होगा। इन्वेस्टमेंट की अच्छी जानकारी के लिए आप इसकी पढ़ाई या (online course) कोर्स भी कर सकते है।
अब ब्रोकरेज अकाउंट Brokerage account बनाइये
अपना ब्रोकरेज अकाउंट तब बनाइये जब आपको मार्केट की अच्छी समझ हो जाये। अगर आप अब इस इन्वेस्टमेंट की दुनियां को समझ गए है तो अपना ब्रोकरेज बना सकतें है। अच्छी समझ होने का मतलब ये नहीं है कि आप परफेक्ट हो गए हैं। ये एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें आपको अच्छे रिजल्ट पाने के लिए हमेशा market research करते रहना पड़ेगा। ताकि आप अच्छे और बड़े इन्वेस्टर बन सकें। लेकिन ध्यान रखें आप जिस भी प्रकार के इन्वेस्टर बन रहें है उसी फील्ड की सारी जानकारियों की समझ रखें।
इन्वेस्टमेंट से जुड़ी हर जानकारी से up to date रहें
अच्छा इन्वेस्टर बनने के लिए आपको मार्केट से जुड़ी सभी जानकारियों से up to date रहने की आवश्यकता है ताकि मार्केट में क्या चल रहा है और आपको कहाँ इन्वेस्ट करना है का पूरा ज्ञान हो। इसके लिए आप T.V, media या newspaper आदि का सहारा ले सकतें है।
स्टॉक मार्केट का ज्ञान रखें
पैसों को इन्वेस्ट करने के लिए आजकल लोग ज्यादातर stock market जैसे प्लेटफॉर्म को चुन रहें है। इसलिए आपको यहां पैसे लगाने से पहले आपको उसकी पूरी समझ होनी चाहिए क्योंकि ये एक ऐसा क्षेत्र है जहां लोग बिना समझ के ही पैसा लगा देते हैं और मुनाफ़े की जगह नुकसान झेलते है और अपने मन में ये धारणा बना लेते है कि स्टॉक मार्केट पैसे इन्वेस्ट करने के लिए सबसे बेकार की जगह है। लेकिन सच तो ये है कि आपका ज्ञान बेकार है यदि आप पूरे ज्ञान और सूझबूझ कर इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आप लाखों करोड़ों कमा सकते हैं।
इन्वेस्टमेंट से पहले रिसर्च और प्लानिंग करें
ये आपको हमेशा ही बताया जाता है कि कहीं भी पैसा लगाने से पहले आप अच्छी तरह से पहले ही research और planning करें। क्योंकि ये हम सब जानते है कि कहीं भी पैसा लगाना हमारे लिए कितना रिस्की होता है इसलिए हम में से अधिकांश लोग कम से कम पैसा लगाने से पहले बहुत बार सोचते है फिर इन्वेस्ट करते हैं।
अच्छा पोर्टफोलियो बनायें
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के लिए अपना एक बेहतर पोर्टफोलियो बनायें। यदि आप नए और आप इस portfolio के शब्द से बाकिफ़ नहीं है तो आपको बता दें कि पोर्टफोलियो बनाने का मतलब है कि यदि आपने एक शेयर में इन्वेस्ट किया है तो आपको एक से अधिक शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए। बड़े-बड़े इन्वेस्टर भी इसी रणनीति को फ़ॉलो करते है। ये इसलिए किया जाता है क्योंकि यदि आपको किसी शेयर में लॉस हो रहा होगा तो बाकी के शेयर से प्रॉफिट मिल सके। इन्वेस्टमेंट के लिए अच्छा पोर्टफोलियो क्यों बनाना चाहिए शायद अब आप समझ गए होंगे।
ख़ुद के निर्णय पर भरोसा रखें
इन्वेस्टमेंट की दुनियां में क़दम रखने के लिए सबसे पहले आपको दिमाग से तैयार होने की जरूरत होती होती फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें क्योंकि यहां आपको लॉस भी देखने को मिलेगा और मुनाफा भी। इसलिए इन दोनों पहलुओं के लिए खुद तैयार रखें। आप पैसा लगाने के लिए दूसरों की बातों में कभी न आये हमेशा खुद ही रिसर्च और पूरा ज्ञान पाने के बाद ही इन्वेस्ट करें और खुद को self motivate करतें रहें। आप जो भी कार्य करते है उसे आप से ज्यादा अच्छे से कोई नहीं जानता इसलिए खुद पे भरोसा रखें।
अंत में दोस्तों आज हमनें इस पोस्ट में स्मार्ट इन्वेस्टर बनने के बारे में पूरी जानकारी को बताया है यदि आप भी इस निवेश की दुनिया में खुद को शामिल करना चाहते हैं तो यकीन माइये यदि आप यहां बताई गई सब बातों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ते हैं तो आपको एक स्मार्ट इन्वेस्टर बनने से कोई नहीं रोक सकता। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आया होगा।
मंथली इनकम स्कीम और 5 साल का फिक्स्ड डिपॉजिट, जानिए दोनों के फायदे और नुकसान
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) और पांच साल का फिक्स्ड डिपॉजिट दो छोटी सेविंग स्कीम हैं जो लगभग एक समान हैं. लेकिन फिर भी, उनके बीच कुछ अंतर हैं.
- Ankur Sengupta
- Publish Date - October 22, 2021 / 02:57 PM IST
छोटी सेविंग स्कीम अभी भी निवेशकों को लुभाती हैं. इन स्कीम का सबसे बड़ा आकर्षण यह है फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें कि वो सरकार द्वारा गारंटीड होने के साथ ही सुरक्षित होती हैं. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) और पांच साल का फिक्स्ड डिपॉजिट दो छोटी सेविंग स्कीम हैं जो लगभग एक समान हैं. लेकिन फिर भी, उनके बीच कुछ अंतर हैं. Money9 आपको बता रहा है दोनों विकल्पों के फायदे और नुकसान के बारे में.
मंथली सेविंग स्कीम
MIS का पांच साल का फिक्स्ड टेन्योर होता है. MIS सहित सभी छोटी सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें स्कीम का इंटरेस्ट रेट केंद्र सरकार द्वारा तिमाही आधार पर नोटिफाई किया जाता है. जैसा कि नाम से पता चलता है, MIS में इंटरेस्ट मंथली बेसिस पर दिया जाता है, जबकि इन्वेस्ट किया प्रिंसिपल मैच्योरिटी पर वापस मिलता है. फिलहाल इंटरेस्ट रेट 6.6 % सालाना है. एक नाम पर अधिकतम 4.5 लाख रुपये या दो के नाम पर अधिकतम 9 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है.
पांच साल की FD
पांच साल की FD में निवेशक के पास MIS की तरह ही पांच साल का लॉक इन पीरियड होता है. लेकिन यहां इंटरेस्ट क्वाटरली जनरेट होता है और प्रिंसिपल अमाउंट के साथ फिर से निवेश किया जाता है. अगर कोई कुछ पैसे निकालता है, तो निवेशक को जुर्माने के रूप में एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करना पड़ता है. वर्तमान में पोस्ट ऑफिस में पांच साल की FD पर 6.7% इंटरेस्ट रेट मिलता है. यह भी सरकार द्वारा हर तिमाही में संशोधित किया जाता है.
यहां हम कुछ कॉमन फैक्टर पर चर्चा करने जा रहे हैं जो आपके लिए यह तय करने में मददगार हो सकते हैं फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें कि अपनी मेहनत की कमाई को कहां निवेश करें.
सिक्योरिटी
FD और MIS दोनों ही सेफ और सिक्योर इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं. लेकिन FD में आपको पता होता है कि मैच्योरिटी अमाउंट क्या होगा. डिपॉजिटर को वही अमाउंट मिलता है चाहें मार्केट की स्थिति कुछ भी रहे. लेकिन MIS में, निवेश किए अमाउंट का एक हिस्सा इक्विटी मार्केट में दोबारा निवेश किया जाता है, इसलिए थोड़ा रिस्क हो सकता है लेकिन कुल मिलाकर निवेश सुरक्षित है.
इंटरेस्ट रेट
FD में इंटरेस्ट रेट पूरे टेन्योर के दौरान फिक्स्ड होता है. लेकिन MIS के मामले में इंटरेस्ट रेट केंद्र सरकार द्वारा हर तिमाही में तय किए गए रेट के अनुसार बदलता रहता है. वर्तमान में पांच साल की पोस्ट ऑफिस FD 6.7% सालाना इंटरेस्ट देती है. वहीं MIS 6.6% इंटरेस्ट देता है.
भुगतान
FD में टेन्योर खत्म होने से पहले विड्रॉल की सुविधा नहीं है. यदि कोई किसी इमरजेंसी के लिए कोई रकम निकालना चाहता है तो उसे कुल कॉर्पस का 3% तक जुर्माना देना होगा. प्रिंसिपल अमाउंट और उस पर कमाए इंटरेस्ट का भुगतान पांच साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद किया जाएगा.
दूसरी ओर, MIS भी पांच साल की मैच्योरिटी से पहले विड्रॉल की परमिशन नहीं देता है. यदि कोई फिर भी विड्रॉ करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को अवधि के आधार पर 2% तक का जुर्माना देना होगा. MIS में इंटरेस्ट का भुगतान मंथली इंस्टॉलमेंट में किया जाता है और प्रिंसिपल का भुगतान मैच्योरिटी के बाद किया जाता है.
ये विकल्प कहां उपलब्ध है
पांच साल की FD को अक्सर टैक्स सेविंग FD के रूप में जाना जाता है. ये बैंक और पोस्ट ऑफिस दोनों में उपलब्ध हैं. लेकिन MIS केवल पोस्ट ऑफिस में उपलब्ध है.
अमाउंट
पांच साल की FD के लिए कोई इन्वेस्टमेंट कैप नहीं है. कोई जितना हो सके उतना निवेश कर सकता है. सभी व्यक्तियों के लिए पांच साल की FD की न्यूनतम सीमा 1,000 रुपये है.
दूसरी ओर, कोई केवल 1,000 रुपये से MIS निवेश शुरू कर सकता है, लेकिन एक ही नाम में अधिकतम 4.5 लाख रुपये का निवेश कर सकता है जबकि ज्वाइंट अकाउंट होल्डर अधिकतम 9 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं.
निवेश पर टैक्स
IT एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत पांच साल की FD पर एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये की लिमिट तक टैक्स छूट है. लेकिन MIS, IT एक्ट के किसी भी सेक्शन के तहत कोई टैक्स छूट प्रदान नहीं करता है. लेकिन मंथली इंटरेस्ट इनकम व्यक्ति के टैक्स स्लैब के अनुसार पूरी तरह से टैक्सेबल है.
पांच साल की FD vs MIS
मान लीजिए आपने पांच साल की FD और MIS में 4 लाख रुपये लगाए हैं. FD के इंटरेस्ट रेट क्वाटरली कंपाउंडेड होते हैं. यह वर्तमान में 6.7% इंटरेस्ट रेट देती है. तो आप पांच साल बाद इससे 5.58 लाख रुपये कमा सकते हैं.
MIS में आपको 6.6% के इंटरेस्ट रेट के साथ 60 महीने के लिए 2,188 रुपये का मासिक भुगतान और मैच्योरिटी पर 4 लाख रुपये प्रिंसिपल अमाउंट मिलेगा. आपको मिलने वाला कुल अमाउंट 2188 X 60 = 1.31 लाख रुपये, यानी 4 लाख रुपये + 1.31 लाख रुपये = 5.31 लाख रुपये होगा.
साफ है कि पांच साल की FD में 27,000 रुपये का फायदा है. हालांकि, आपको यह हर महीने नहीं मिलेगा जैसा कि
आपको MIS में मिलेगा. इसलिए, निवेशकों को अपनी फाइनेंशियल जरूरतों के हिसाब से विकल्प चुनना चाहिए.
जानें बच्चों की पढ़ाई के लिए कैसे.
समय के साथ-साथ बच्चों की अच्छी शिक्षा संबंधी जरूरतें पूरी करना पैरेंट्स के लिए एक चुनौती बनता जा रहा है. इस चुनौती को पूरा करने के लिए पैरेंट्स को और अधिक निवेश करने की ज़रूरत है. लेकिन बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए पैरेंट्स कैसे और कहां निवेश करें, यह जानना बहुत ज़रूरी है.
पैरेंट्स की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है बच्चों की अच्छी परवरिश के साथ-साथ उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाना. लेकिन आजकल पढ़ाई काफी महंगी हो गई है. बढ़ती महंगाई और सीमित आय के चलते बच्चों की अच्छी और उच्च शिक्षा के लिए पैरेंट्स को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. बाकी पैरेंट्स की तरह अगर अभी आप बच्चे की अच्छी और उच्च शिक्षा की प्लानिंग कर रहे हैं, तो योजनाओं में निवेश करने से पहले जानें ये बातें-
लक्ष्य निर्धारित करें
बच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश करने से पहले ज़रूरी है कि अपना लक्ष्य निर्धारित करें. महंगाई के दौर में स्कूली शिक्षा का ख़र्च भी बहुत बढ़ गया फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें है और जब बात हायर एजुकेशन की हो, तो वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखना आवश्यक है. उदाहरण के लिए- भविष्य में जब बच्चा उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज जाएगा, तो उसे कितने रुपए की ज़रूरत पड़ेगी. किस कोर्स में दाखिला लेगा और उसमें कितना ख़र्च आएगा. इसका अनुमान लगाना पैरेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन अनुमानित बजट को ध्यान में रखे बिना पैरेंट्स अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे. अत: अपना लक्ष्य तय करने के बाद उस दिशा में कदम बढ़ाना शुरू करें.
जल्द से जल्द शुरुआत करें
बच्चों की उच्च शिक्षा एक लॉन्गटर्म लक्ष्य है, इसलिए उनके बचपन से ही बचत और निवेश करना शुरू कर दें. हर महीने कुछ रकम बचाकर और उसे सही जगह पर निवेश करके पैरेंट्स अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं. जब तक बच्चे 18 साल के होंगे, तब तक पैरेंट्स अच्छी खासी रकम जमा कर सकते हैं.
बचत के साथ-साथ निवेश भी करें
बच्चों की पढ़ाई के लिए शुरुआत से ही बचत करना ज़रूरी है, इसलिए समय रहते ही एक बड़ी राशि जमा करना शुरू कर दें, लेकिन इससे पहले पैरेंट्स कुछ कदम उठाएं-
– आय और खर्च की एक लिस्ट बनाएं, जिसमें घर और कार के लोन का रीपेमेंट भी शामिल हो.
– कितनी राशि कहां निवेश कर रहे हैं.
– कितनी रकम कहां खर्च हो रही है.
– कहां फ़िज़ूलख़र्च को रोका जा सकता है.
इससे पैरेंट्स यह जान लेंगे कि आप कितनी राशि और बचा सकते हैं और इन बची हुई रकम को ऐसी जगह निवेश करें, जो आपके पैसे को बढ़ाने में मदद कर सके. जैसे- सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ और म्युच्युअल फंड्स. इन लॉन्ग टर्म योजनाओं में निवेश करके पैरेंट्स एक बड़ी रकम जमा कर सकते हैं.
एजुकेशन लोन लेने के लिए तैयार रहें
भविष्य में कई बार हालात ऐसे भी हो सकते हैं कि उच्च शिक्षा के लिए फंड कम पड़ जाए. ऐसी स्थिति में एजुकेशन लोन लेकर इस कमी को पूरा कर सकते हैं, पर बच्चों की पढ़ाई के लिए रुपयों का इंतजाम करते समय अपने रिटायरमेंट संबंधी ज़रूरतों को अनदेखा न करें. पढ़ाई के साथ-साथ रिटायरमेंट के लिए भी निवेश करें.
सुरक्षित भविष्य के लिए नहीं, बच्चों की शिक्षा के लिए अगर पैरेंट्स फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें निवेश करना चाहते हैं, तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड अच्छी योजना है. यह 15 साल की योजना है, जिसमें निवेश करके पैरेंट्स अपने बच्चों की शिक्षा के लिए एक बड़ी राशि जमा कर सकते हैं. इसमें मिलनेवाली फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें ब्याज की दर, बाकी बैंकों की तुलना में अधिक होती है. इस योजना की खासियत है कि इसमें मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होता है. आयकर अधिनियम की धारा ’80सी’ के तहत टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. यह एक बहुत ही आकर्षक निवेश योजना है, जिसमें निवेश करके पैरेंट्स अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए बड़ी राशि जमा कर सकते हैं.
2. सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना लड़कियों के बेहतर भविष्य और उनकी उच्च शिक्षा के लिए राशि जमा करने का एक बेहतरीन विकल्प है. इस योजना के तहत मिलने वाली ब्याज की दर पूरी तरह कर मुक्त है और आयकर अधिनियम की धारा ’80सी’ के तहत टैक्स में लाभ मिलता है. अगर पैरेंट्स अपनी बेटी की शादी या उसकी शिक्षा के लिए बचत करना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
3. सोने में करें निवेश (गोल्ड सेविंग)
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए पैरेंट्स सोने में निवेश कर सकते हैं. बाकी योजनाओं की तरह गोल्ड भी निवेश करने पर भविष्य में ज्यादा बेहतर मुनाफा मिलता है, यहां पर ध्यान देने वाली बात है कि गोल्ड का रेट मार्केट वैल्यू पर निर्भर करता है. इस निवेश का एक नुकसान यह है कि गोल्ड को बेचते समय आपको पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना अनिवार्य होता है.
4. इक्विटी म्युचुअल फंड
इक्विटी म्युचुअल फंड एक अन्य विकल्प है, जहां पर पैरेंट्स रकम निवेश करके एक बड़ा फंड जमा कर सकते हैं. ये म्युचुअल फंड लंबी अवधि में मिलनेवाले मुनाफे के मामले में ज़्यादा फायदेमंद होते हैं. बच्चों की शिक्षा या अन्य लॉन्ग टर्म योजनाओं के लिए बचत करना चाहते हैं, तो यह बेहतर विकल्प है.
5. डेब्ट म्युचुअल फंड
कुछ डेब्ट म्युचुअल फंड बैंक में जमा राशि की तुलना में बेहतर मुनाफा देते हैं. ये म्युचुअल फंड टैक्स में भी लाभ पहुंचाते हैं, इसलिए इन डेब्ट म्युचुअल फंड को बैंकों की तुलना में बेहतर ऑप्शन माना जाता है. पैरेंट्स यह ऑप्शन तभी चुनें, जब वे एक लंबी अवधि के लिए निवेश की योजना बना रहे हों, क्योंकि इनमें अच्छा मुनाफा एक बड़ी अवधि के बाद ही मिलता है. इन योजनाओं में निवेश करने से पहले पैरेंट्स एक्सपर्ट्स से सलाह ज़रूर लें, क्योंकि इस निवेश में जोख़िम होने की संभावना अधिक होती है.
6. बैंक में किए जाने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट भी लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने का अच्छा ऑप्शन है, लेकिन यह आखिरी विकल्प होना चाहिए निवेश का. इस ऑप्शन में सबसे कम ब्याज मिलता है और अधिक मुनाफा भी नहीं मिलता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने के कुछ नुक़सान हैं, जैसे- यदि पैरेंट्स अभी इसमें निवेश करते हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट में मिलने वाली ब्याजदर 7% है, तो अगले 10 सालों तक आपको केवल 7 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
7. यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाएं
आजकल कई पैरेंट्स बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए बीमा कंपनियों और फंड हाउस द्वारा दी जाने वाली यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं और बचत योजनाओं में भी निवेश करते हैं. ये योजनाएं भी बच्चों की उच्च शिक्षा में मददगार साबित होती हैं, पर इनसे मिलने वाला मुनाफा कम होता है.
भविष्य में पैरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, तो उनके लिए एक बेहतरीन चाइल्ड प्लान लें, लेकिन कोई भी चाइल्ड प्लान लेने से पहले उसके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर लें.