व्यापारियों के लिए बोनस

किसानों ने सरकार से की गेंहू की खरीद और 500 रुपए क्विंटल बोनस की मांग
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। किसानों ने गेहूं के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त बोनस और पूरी खरीद की मांग केंद्र सरकार से की है। एआईकेएस ने मांग की है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पादन में गिरावट और उत्पादन व्यापारियों के लिए बोनस लागत में बेलगाम बढ़ोतरी को देखते हुए गेहूं की खरीद पर 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाए। सरकारी एजेंसियां पर्याप्त तादाद में खरीद केंद्र नहीं खोल रही हैं, जिससे किसानों को उत्पादन की कम मात्रा और कम खरीद की दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की वजह से किसानों को संकट के समय बिक्री करने के लिए मजबूर किया जाता है और परिणामस्वरूप संकट की इस अवधि में कम कमाई होती है। यह बोनस उन किसानों को भी दिया जाना चाहिए जो पहले ही अपना गेहूं सरकारी एजेंसियों को बेच चुके हैं। अधिकांश गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल में बेमौसम गर्म मौसम के कारण इस वर्ष उत्पादन में 20-25 प्रतिशत की फसल का नुकसान हुआ है जिससे किसान को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी मोदी सरकार ने इस साल 44.4 करोड़ टन गेहूं के घोषित कोटे का आधा भी नहीं खरीदा है।
उन्होने कहा कि यदि सरकारी एजेंसियां गेहूं की तय मात्रा की खरीद के लिए व्यापारियों के लिए बोनस व्यापारियों के लिए बोनस आगे नहीं आती हैं, तो निकट भविष्य में खाद्य सुरक्षा और आटा व अन्य खाद्यान्नों की कीमतों में वृद्धि होने की संभावनाएं रहेंगी। स्थिति का फायदा उठाकर निजी व्यापारी और कॉरपोरेट कंपनियां जमाखोरी, मुनाफाखोरी के लिए भारी मात्रा में गेहूं की खरीद में जुटी हैं। दूसरी ओर व्यापारी आटे की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं और इस तरह कालाबाजारी के माध्यम से भारी मुनाफाखोरी के साथ स्थिति का लाभ उठा रहे हैं।
बता दें कि 2020-21 में गेहूं का निर्यात 21.55 लाख टन था जबकि 2021-22 में इसे बढ़ाकर 72.15 लाख टन व्यापारियों के लिए बोनस किया गया था। इस नीति ने घरेलू खाद्य भंडार को प्रभावित किया था, और गेहूं के स्टॉक की कमी के कारण मोदी सरकार को उन क्षेत्रों में चावल वितरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा जहां पहले गेहूं वितरित किया गया था। किसानों ने कहा कि मोदी सरकार अनिश्चित स्थिति का प्रबंधन करने में असमर्थ है और इससे किसानों के बीच व्यापक संकट बिक्री के रास्ते खोलते हुए लोगों की खाद्य सुरक्षा को नष्ट करने का खतरा पैदा होगा। एआईकेएस मोदी सरकार की इन किसान विरोधी नीतियों का कड़ा विरोध करता है।
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पहले बोनस मिलेगा फिर वेतन से भरेगी जेब, बाजार में आए बूम
भिंड । नईदुनिया प्रतिनिधि व्यापारियों के लिए इस बार की दीपावली निराशाजनक नहीं रहने वाली है, क्योंकि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में कर्मचारियों को बोनस मिलने वाला है। दीपावली से पहले वेतन भी लोगों के हाथ व्यापारियों के लिए बोनस में आएगा। बोनस व वेतन हाथ में होने पर व्यक्ति दिल खोलकर खरीदारी कर सकता है। व्यापारियों की माने तो दशहरे के बाद बाजार में खरीदारी का बूम आ जाएग
भिंड । नईदुनिया प्रतिनिधि
व्यापारियों के लिए इस बार की दीपावली निराशाजनक नहीं रहने वाली है, क्योंकि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में कर्मचारियों को बोनस मिलने वाला है। दीपावली से पहले वेतन भी लोगों के हाथ में आएगा। बोनस व वेतन हाथ में होने पर व्यक्ति दिल खोलकर खरीदारी कर सकता है। व्यापारियों की माने तो दशहरे के बाद बाजार में खरीदारी का बूम आ जाएगा। पिछले कु छ सालों से दीपावली महीने के आखिरी या फिर मध्य में पड़ती थी। इससे लोगों की जेब खाली रहती थी। बाजार में बूम नहीं आता था। व्यापारी की दीपावली फीकी रहती थी, लेकि न इस बार परिस्थितियां अनुकू ल हैं। कर्मचारी को बोनस के बाद वेतन भी मिलेगा।
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो बोनस का पैसा व्यक्ति दीपावली के सामान पर खर्च सकता है। अच्छी बारिश होने से कि सानों की फसल भी अच्छी हुई है। इस वजह से खरीदारी जोरों पर हो सकती है।
पिछले साल कम हुआ था तिल की फसल का उत्पादन :
वर्ष व्यापारियों के लिए बोनस 2017 में जिले के भिंड, लहार, मेहगांव, गोहद में खरीफ फसल में कम बारिश के चलते खराब हो गई थी। साथ ही पैदावार भी कम हुई थी। फसल खराब होने की वजह से बाजार में रौनक नहीं थी, लेकिन इस बार अंचल में अच्छी बारिश हुई है। खरीफ की फसल भी अच्छी है। कि सानों की वजह से बाजार गुलजार रह सकता है। दीपाली की खरीदारी की रौनक दशहरे के बाद नजर आती है। शनिवार व रविवार की छुट्टी है। इन दो दिनों में बाजार में खरीददारों की भीड़ रहने की संभावना है।
दीपावली के पहले हर सेक्टर में छूट :
सराफा कारोबारी सोने के गहनों पर मजबूरी में 25 फीसदी की छूट दे रहे हैं। हीरा के जेवरात पर 20 फीसदी की फ्लैट छूट है।
मार्केट में व्यापारी कपड़ों पर 40 फीसदी तक फ्लैट छूट दे रहे हैं। एक के साथ एक फ्री का ऑफर भी चल रहा है। बड़े व्यापारियों ने लोगों को आकर्षित करने के लिए ऑफर का पिटारा खोला है।
कार व बाइक बाजार में भी ऑफर चल रहे हैं। फ्री बीमा के साथ एसेसरीज में छूट है। चार पहिया वाहनों पर 40 हजार तक की बचत हो रही है।
टीवी,फ्रीज व अन्य सामान ऑफर दिए जा रहे हैं। जीरो प्रतिशत ब्याज पर भी फाइनेंस की सुविधा
है। इलेक्टॉनिक शो रुमों पर ऑन लाइन मार्केट के रेट पर सामान दिया जा रहा है।
दीपावली के बाजार में दशहरे के बाद उठाव आता है। इसका असर मार्केट में दिखने लगा है। सराफा बाजार में ग्राहकों को ऑफर भी दिए जा रहे हैं।
टिंकल जैन, सराफा कारोबारी
दीपावली महीने के पहले सप्ताह में है। बोनस व वेतन का पैसा लोगों के हाथ व्यापारियों के लिए बोनस में रहेगा। इस बार फसल उत्पादन भी अच्छा हुआ है। इस कारण दीपावली का बाजार अच्छा रहने की उम्मीद है। फिलहाल जो भी हो इस बार त्योहार अच्छा रहेगा।
धान पर बोनस से निर्यात परिदृश्य होगा प्रभावित
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान पर घोषित बोनस से राज्य में चावल के निर्यात परिदृश्य पर प्रतिकूल असर पड़ा है। राज्य सरकार ने धान पर 300 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा की है जिसे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा। जहां इस पहल से किसान खुश हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा प्रतिफल मिलेगा, पर राज्य में चावल कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है।
केंद्र ने धान का एमएसपी 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,550 रुपये (सामान्य ग्रेड किस्म) और ए ग्रेड के लिए 1590 रुपये करने की मंजूरी दी है। छत्तीसगढ़ में किसानों को अब सामान्य ग्रेड के लिए 1,850 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड के धान के लिए 1,890 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे। किसानों को बोनस का लाभ सोसायटी के जरिये सरकार को धान बेचे जाने पर मिलेगा।
राज्य के बड़े हिस्से को सूखे का सामना करना पड़ा है और इस वजह से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। व्यापारियों के लिए बोनस छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा, 'कम उत्पादन की वजह से उपज का बड़ा हिस्सा व्यापारियों के लिए बोनस सरकार द्वारा एमएसपी के हिसाब से खरीदा जाएगा जबकि शेष धान किसान कम कीमत पर व्यापारियों को बेचने के लिए बाध्य होंगे।' अग्रवाल के अनुसार छत्तीसगढ़ में व्यापारियों के पास देश से बाहर अपने समकक्षों के लिए ऊंची कीमत मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। प्रतिस्पर्धा बढऩे की वजह से विदेश में व्यापारी ओडिशा, महाराष्ट्र या आंध्र प्रदेश से खरीदारी करना पसंद करेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह सूखे की वजह से रबी फसलों के लिए पानी मुहैया नहीं कराएगी। इससे लगभग 10 लाख टन धान प्रभावित होगा। छत्तीसगढ़ ने लगभग 15 लाख टन परबॉयल्ड राइस (अधपके चावल) का निर्यात किया है।
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त्योहारों के सीजन में रेल कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, 78 दिन के बोनस का ऐलान
दिवाली के मौके पर रेलवे अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे कर्मचारियों के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस देने का ऐलान किया है. इतना ही नहीं रेलवे ने 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस का भुगतान करने का फैसला भी किया है.
The government has approved the Bonus, equivalent to 78 days of wages, to railway employees.