ईटीएफ की लागत क्या है

गोल्ड म्यूचुअल फंड में समय से पहले फंड निकालने पर एक्जिट लोड देय होता है परन्तु ईटीएफ में कोई एक्जिट लोड नहीं होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि निवेश कंपनियां ईटीएफ की लागत क्या है बाजार खुले बाजार में किसी भी समय इन इकाइयों को खरीद या बेच सकती हैं.
भारत 22 विनिमय वाणिज्य कोश (ETF) – Exchange Traded Funds
अपने विनिवेश कार्यक्रम के लिए भारत सरकार एंकर तथा गैर-एंकर निवेशकों के लिए भारत 22 विनिमय वाणिज्य कोश (ETF) के “Further Fund Offer 2” (FFO 2) प्रस्ताव को शीघ्र ही खोलने जा रही है.
- ETF का पूरा नाम Exchange Traded Funds है. ये म्यूच्यूअल फण्ड हैं जो शेयरों की भाँति स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं और इनका क्रय-विक्रय होता है.
- संस्थागत निवेशक इंडेक्सETFs तैयार करते हैं और इस इंडेक्स में ईटीएफ की लागत क्या है शेयर डालते और निकालते रहते हैं.
- साधारणतः ETF का कोश निष्क्रिय रहता है और कोश प्रबंधक अपने मन से शेयर का चुनाव नहीं करता है. इसके बदले ETF एक इंडेक्स का अनुसरण करता है और इसके प्रदर्शन को सही ढंग से दिखलाने का प्रयास करता रहता है.
- ETF के अन्दर कोई व्यक्ति बाजार खुले रहने पर क्षण-प्रतिक्षण की स्थिति के आधार पर बाजार के दाम पर इकाइयाँ खरीद और बेच सकता है.
ETF के लाभ
- इसमें लागत कम आती है क्योंकि इसमें बड़े-बड़े कोश प्रबंधकों की सेवा की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
- ETF में निवेश के पोर्टफोलियो में बहुत प्रकार के विकल्प रहते हैं इसलिए कोश प्रबंधक के द्वारा गलत शेयर ख़रीदे जाने का जोखिम नहीं रहता है.
- इंडेक्स प्रदाता सावधानी से इंडेक्स में दिए गये शेयरों का ईटीएफ की लागत क्या है चुनाव करते हैं और समय-समय पर इनका संतुलन बनाए रखते हैं.
- ETF में लगाये गये निवेश एक्सचेंज के माध्यम से निवेश की राशि कभी भी नकद वापस ली जा सकती है.
भारत 22 क्या है?
भारत 22 अनेक ब्लूचिप शेयरों वाला पोर्टफोलियो है जिसके अन्दर CPSE’s, PSB’s और SUUI के 22 शेयर होते हैं. ये शेयर जिन छह प्रक्षेत्रों से सम्बंधित होते हैं, वे हैं – आधारभूत माल, ऊर्जा, वित्त, FMCG, औद्योगिक वस्तुएँ और जन-उपयोग की वस्तुएँ. इन प्रक्षेत्रों से जिन सुप्रतिष्ठित (ब्लू चिप) कंपनियों का शेयर चुना जाता है उनके नाम प्रक्षेत्रवार इस प्रकार हैं –
- आधारभूत ईटीएफ की लागत क्या है माल – नेशनल अल्मूनियम
- ऊर्जा – ONGC, IOC, BPCL और कोल इंडिया
- वित्त – स्टेट बैंक ऑफ़ ईटीएफ की लागत क्या है इंडिया, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, इंडियन बैंक, PFC और REC.
- FMCG – ITC
- औद्योगिक वस्तुएँ – L&T, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजिनियर्स इंडिया, NBCC
- जन-उपयोग की वस्तुएँ – पॉवर ग्रिड, NTPC, GAIL NHPC, NCL, SJVNL
Gold ETFs vs Gold Mutual Funds: गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड म्यूचुअल फंड कौन सा होगा बेहतर?
सोना आम तौर पर मुद्रास्फीति जैसी आर्थिक परस्थितियों से अप्रभावित रहता है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सोने का निवेश अधिक चमका है. और अधिक निवेशकों ने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड का विकल्प चुना है. आप के लिए क्या बेहतर हो सकता है Gold ETFs या Gold Mutual Funds जानेंगें इस पोस्ट पर.
🔥 Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करें |
🔥 Telegram Group | यहाँ क्लिक करें |
🔥 Facebook Group | यहाँ क्लिक करें |
गोल्ड ईटीएफ निवेश क्या है?
गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का एक रूप है जिसका उपयोग भौतिक सोने को बदलने के लिए किया जा सकता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना लगभग एक म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट खरीदने जैसा ही है. गोल्ड ईटीएफ की अन्तर्निहित संपत्ति भौतिक सोना है. गोल्ड ईटीएफ को सामान्य शेयरों की तरह कभी भी खरीदा जा सकता है लेकिन सेकेंडरी मार्केट से गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए.
विश्लेषकों का कहना है कि इक्विटी बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता के साथ, निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो के 15% तक सोने के लिए रखना चाहिए. पोर्टफोलियो को Paper gold- Gold ETF or Sovereign Gold Bond (SGB) में निवेश करके बढ़ाना चाहिए, जबकि वित्तीय योजनाकार आमतौर पर सोने के लिए 5-10% आवंटन का सुझाव देते हैं, वर्तमान अनिश्चित स्थिति पीली धातु के लिए उच्च आवंटन की मांग करती है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड फंड एक प्रकार के म्यूचुअल फंड (Mutual fund) हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सोने के भंडार में निवेश करते हैं. यह निवेश आमतौर पर सोने के उत्पादन और वितरण सिंडीकेट, भौतिक सोने और खनन कंपनियों के शेयरों पर किया जाता है. वस्तु को उसके भौतिक रूप में खरीदे बिना किसी परिसंपत्ति में निवेश करने का यह एक सुविधाजनक तरीका है. गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश हैं, जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड द्वारा प्रदान की गई इकाइयों पर आधारित होते हैं.
चूंकि अंतर्निहित परिसंपत्ति भौतिक सोने के रूप में रखी जाती है, इसका मूल्य सीधे धातु की कीमत पर निर्भर ईटीएफ की लागत क्या है करता है. गोल्ड फंड गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं और उन चीजों पर निर्भर करते हैं जो सीधे सोने की कीमतों से जुड़े होते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड, किसी भी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह, अपने अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न अर्जित करते हैं.
गोल्ड म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के बीच अंतर
1. निवेश की न्यूनतम राशि
गोल्ड म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 1,000 रुपये (मासिक एसआईपी के रूप में) निवेश शुरू की जा सकती है, जबकि गोल्ड ईटीएफ में आमतौर पर ईटीएफ की लागत क्या है 1 ग्राम सोने के न्यूनतम निवेश की आवश्यकता होती है, जो वर्तमान दरों के आधार पर 4,500 रुपये के करीब है.
2. निवेश सुविधाएँ
गोल्ड ईटीएफ में एसआईपी सेवाएं नहीं है. जबकि गोल्ड म्यूचुअल फंड में SIP के माध्यम से Investment किया जा सकता है. डीमैट खाते के बिना ही म्यूचुअल फंड से गोल्ड म्यूचुअल फंड खरीदा जा सकता है. हालांकि, गोल्ड ईटीएफ का एक्सचेंजों पर कारोबार होता है इसलिए इसे खरीदने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए.
नए निवेशकों के लिए बेहतर है ‘निफ्टी 50 ईटीएफ’
ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है। निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं। आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी। निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं। निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है। निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।
निवेश की बात: चांदी ईटीएफ की लागत क्या है में निवेश हो सकता है फायदेमंद, सिल्वर ETF और फण्ड और फण्ड में लगा सकते हैं पैसा
सोने और चांदी का इस्तेमाल आभूषणों के अलावा निवेश के लिए भी किया जाता है। पारम्परिक तौर पर ईटीएफ की लागत क्या है भारत में लोग लम्बे समय से सोने और चांदी में निवेश करते आए हैं। वजह यह ईटीएफ की लागत क्या है है कि एक तो लोग सोन- चांदी में निवेश को सुरक्षित मानते हैं और दूसरा क्योंकि इनके दाम सीधे तौर पर महंगाई से जुड़े होते हैं इसलिए महंगाई बढ़ने के साथ-साथ सोने-चांदी के दामों में भी बढ़ौतरी देखी जा सकती है जिसका फायदा निवेशकों को मिलता है।
पिछले कुछ सालों में सोने में निवेश के कई विकल्प खुल गए जैसे कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम, गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फण्ड आदि चांदी में निवेश के लिए अब तक सीमित विकल्प मौजूद थे जैसे कि चांदी के गहने और सिक्के लेकिन सेबी द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद अब सिल्वर ETF और फण्ड और फण्ड का विकल्प भी खुल गया है। पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल आपको इनके बारे में बता रहे हैं।
Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ!, जानें डिटेल
Nifty 50 ETF: इक्विटी Equity में अगर आप नए हैं और सीधे शेयरों Shares के साथ निवेश की शुरुआत करने का मन बना रहे हैं तो, सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं होता है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति Financial Position, उसकी कारोबारी संभावनाओं Business Prospects, मूल्यांकन Valuation, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ Nifty 50 ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है। ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस Mutual Fund Houses द्वारा ऑफर किया जाता है।