क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं?

मैं क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हूं, मुझे क्या मिला: क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर देना होगा 30% टैक्स, इसी साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा RBI
अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए फाइनेंशियल ईयर में आपको शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी डिजिटल करेंसी, यानी डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। वहीं अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। अन्य जो भी बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी है उसे एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन पर 1% का TDS देना होगा।
सरकारी डिजिटल करेंसी से इकोनॉमी को मिलेगा बड़ा बूस्ट
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह डिजिटल करेंसी भी दुनिया भर में चल रही बिटकॉइन और अन्य तरह की क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही ब्लॉकचेन और अन्य दूसरी क्रिप्टो तकनीकों पर आधारित होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आने के बाद करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम बेहद आसान व सस्ता हो जाएगा। इससे देश की इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलने की संभावना है। साथ ही इकोनॉमी के डिजिटाइजेशन को भी तेजी मिलेगी।
आइए जानते हैं कि यह डिजिटल रुपया करेंसी नोट से कितना अलग होगा? क्या इसमें भी बिटकॉइन की तरह निवेश किया जा सकेगा? बैंकों की क्या भूमिका रह जाएगी? हम जो डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं, उनसे यह डिजिटल रुपया किस तरह अलग होगा?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC क्या है?
यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। जैसे आप कैश का लेन-देन करते हैं, क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? वैसे ही आप डिजिटल करेंसी का लेन-देन भी कर सकेंगे। CBDC कुछ हद तक क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन या ईथर जैसी) जैसे काम करती है। इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है। रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।
यह डिजिटल रुपया, डिजिटल पेमेंट से कैसे अलग है?
- बहुत अलग है। आपको लग रहा होगा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन तो बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट्स या कार्ड पेमेंट्स से हो ही रहे हैं, तब डिजिटल करेंसी अलग कैसे हो गई?
- यह समझना बेहद जरूरी है कि ज्यादातर डिजिटल पेमेंट्स चेक की तरह काम करते हैं। आप बैंक को निर्देश देते हैं। वह आपके अकाउंट में जमा राशि से ‘वास्तविक’ रुपए का पेमेंट या ट्रांजैक्शन करता है। हर डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई संस्थाएं, लोग शामिल होते हैं, जो इस प्रोसेस को पूरा करते हैं।
- उदाहरण के लिए अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई पेमेंट किया तो क्या तत्काल सामने वाले को मिल गया? नहीं। डिजिटल पेमेंट सामने वाले के अकाउंट में पहुंचने के लिए एक मिनट से 48 घंटे तक ले लेता है। यानी, पेमेंट तत्काल नहीं होता, उसकी एक प्रक्रिया है।
- जब आप डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपया की बात करते हैं तो आपने भुगतान किया और सामने वाले को मिल गया। यही इसकी खूबी है। अभी हो रहे डिजिटल ट्रांजैक्शन किसी बैंक के खाते में जमा रुपए का ट्रांसफर है। पर CBDC तो करेंसी नोट्स की जगह लेने वाले हैं।
यह डिजिटल रुपया बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगा?
- डिजिटल करेंसी का कंसेप्ट नया नहीं है। यह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से आया है, जो 2009 में लॉन्च हो गई थी। इसके बाद ईथर, डॉगेकॉइन से लेकर पचासों क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च हो चुकी हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह एक नए असेट क्लास के रूप में विकसित हुई है, जिसमें लोग इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।
- प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट लोग या कंपनियां जारी करती हैं। इससे इसकी मॉनिटरिंग नहीं होती। गुमनाम रहकर भी लोग ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, जिससे आतंकी घटनाओं व गैरकानूनी गतिविधियों में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। इन्हें किसी भी केंद्रीय बैंक का सपोर्ट नहीं है। यह करेंसी लिमिटेड है, इस वजह से सप्लाई और डिमांड के अनुसार इसकी कीमत घटती-बढ़ती है। एक बिटकॉइन की वैल्यू में ही 50% तक की गिरावट दर्ज हुई है।
- पर जब आप प्रस्तावित डिजिटल रुपया की बात करते हैं तो इसे दुनियाभर में केंद्रीय बैंक, यानी हमारे यहां रिजर्व बैंक लॉन्च कर रहा है। न तो क्वांटिटी की सीमा है और न ही फाइनेंशियल और मौद्रिक स्थिरता का मुद्दा। एक रुपए का सिक्का और डिजिटल रुपया समान ताकत रखता है। पर डिजिटल रुपए की मॉनिटरिंग हो सकेगी और किसके पास कितने पैसे हैं, यह रिजर्व बैंक को पता होगा।
- हालांकि, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक वजीरएक्स में AVP-मार्केटिंग परीन लाठिया कहते हैं कि रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी लॉन्च करने से बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का असेट बन चुकी है, जिसका दुनियाभर में ट्रेड होता रहेगा। भारत इसमें पीछे नहीं रह सकता।
क्या अब तक किसी देश ने डिजिटल करेंसी लॉन्च की है?
- हां। छह साल की रिसर्च के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अप्रैल 2020 में दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए। लॉटरी सिस्टम से ई-युआन बांटे गए। जून 2021 तक 2.4 करोड़ लोगों और कंपनियों ने e-CNY यानी डिजिटल युआन के वॉलेट बना लिए थे।
- चीन में 3450 करोड़ डिजिटल युआन (40 हजार करोड़ रुपए) का लेन-देन यूटिलिटी बिल्स, रेस्टोरेंट व ट्रांसपोर्ट में हो चुका है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट कहती है कि 2025 तक डिजिटल युआन की चीनी इकोनॉमी में हिस्सेदारी 9% तक हो जाएगी। अगर सफल रहा तो चीन पूरी दुनिया में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला देश बन जाएगा।
- जनवरी 2021 में बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने बताया कि दुनियाभर के 86% केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। बहामास जैसे छोटे देश ने तो हाल क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? ही में CBDC के तौर पर सैंड डॉलर लॉन्च भी कर दिया है।
- कनाडा, जापान, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, UK और यूनाइटेड स्टेट्स के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन भी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। इससे डिजिटल करेंसी से लेन-देन जल्द ही हकीकत बनने वाला है।
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी में रुचि क्यों बढ़ी है?
डिजिटल करेंसी से ये 4 बड़े फायदे हैं-
1. एफिशियंसीः यह कम खर्चीली है। ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च, लेन-देन की लागत भी अधिक है।
2. फाइनेंशियल इनक्लूजनः डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं है। यह ऑफलाइन भी हो सकता है।
3. भ्रष्टाचार पर रोकः डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी। डिजिटल रुपए की ट्रैकिंग हो सकेगी, जो कैश के साथ संभव नहीं है।
4. मॉनेटरी पॉलिसीः रिजर्व बैंक के हाथ में होगा कि डिजिटल रुपया कितना और कब जारी करना है। मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा।
भारत में रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी पर क्या काम किया है?
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
क्रिप्टो पर TDS से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जैसा कि आप जानते हैं, भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी नियमों के अनुसार, क्रिप्टो ट्रेड पर अब से 1% TDS लगेगा। ये प्रावधान 1 जुलाई 2022 को भारतीय समयानुसार 00:00 बजे से लागू हो गए हैं। WazirX में हमने इस व्यवस्था का समर्थन करने के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड किया है। इन प्रावधानों का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा और WazirX द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी आप यहां पढ़ सकते हैं।
और अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो देखें:
हालांकि यहां आपके बहुत सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे, यहां नए TDS नियमों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न दिए गए हैं:
प्रश्न 1: WazirX के माध्यम से क्रिप्टो को खरीदने या बेचने पर TDS के तौर पर कर कटौती कौन करेगा?
WazirX आवश्यक कार्रवाई करेगा!
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने स्पष्ट किया है कि जब कोई एक्सचेंज के माध्यम से क्रिप्टो खरीद रहा है (यहां तक कि P2P ट्रांज़ैक्शन के मामले में भी), तो एक्सचेंज द्वारा धारा 194S के तहत कर काटा जा सकता है। सरल तरीके से समझें तो; तकनीकी रूप से, आपको एक खरीदार या विक्रेता के रूप में कुछ भी नहीं करना होगा। WazirX आवश्यक कार्रवाई करेगा।
प्रश्न 2: क्रिप्टो पर कर किस दर से काटा जाएगा?
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए यहां एक सरल तालिका दी गई है:
प्रश्न 3: किसके लिए 5% TDS लागू होगा और क्यों?
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 206AB के अनुसार, यदि आपने पिछले 2 वर्षों में अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है और इन दो वर्षों में से प्रत्येक में TDS की राशि 50,000 रूपये या अधिक है, तो क्रिप्टो-संबंधित लेनदेन के लिए TDS 5% की दर से काटा जाएगा।
प्रश्न 4: WazirX पर, मैं अपने ट्रेड पर काटे गए कर को कहां देख सकता हूं?
WazirX पर, आप ऑर्डर विवरण पृष्ठ पर TDS के रूप में काटे गए कर की जांच कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आपकी ट्रेडिंग रिपोर्ट 48 घंटों के बाद TDS विवरण भी दिखाएगी।
प्रश्न 5: क्या मैं किसी सरकारी पोर्टल पर TDS विवरण की जांच कर सकता हूं?
विभाग द्वारा अपडेट किए जाने पर आप अपने फॉर्म 26AS (कर विभाग द्वारा जारी एक संगठित वार्षिक कर विवरण जो क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? स्रोत पर कर कटौती का विवरण दिखाता है) में कर कटौती का विवरण देख सकते हैं।
प्रश्न 6: क्या मैं अन्य TDS की तरह क्रिप्टो TDS का दावा कर सकता हूं?
हां! जब आप संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए ITR फाइल करते हैं, तो आप क्रिप्टो ट्रेड्स पर TDS के रूप में कर कटौती का दावा कर सकते हैं।
प्रश्न 7: क्या मुझे नुकसान होने पर भी कर काटा जाएगा?
हां! चाहे आपको लाभ हो या नुकसान, TDS के रूप में कर जहां लागू होगा वहां खरीदे या बेचे जाने वाले प्रत्येक क्रिप्टो के लिए कर काटा जाएगा।
प्रश्न 8: यदि मैं विदेशी मुद्रा, P2P साइट्स और DEX पर व्यापार कर रहा हूं, तो क्या मुझे TDS का भुगतान करना होगा?
हां! आपको पता होना चाहिए कि जो उपयोगकर्ता अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजेस पर ट्रांज़ैक्शन करते हैं जो TDS नहीं काटते हैं, वे स्वयं कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। ऐसा करने में विफल रहने पर आप देश के मौजूदा कर कानूनों का अनुपालन नहीं करेंगे।
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करे ? (How to Invest in Cryptocurrency in India 2021)
ऐसे वक़्त में जब क्रिप्टोकरेन्सी की चमक पूरी दुनिया को लुभा रही है तब हम भारतीय इसके चमक से अपनी क़िस्मत को चमकाने की कोशिश न करे. ऐसा हो ही नहीं सकता. क्रिप्टोकरेंसी. जिसकी शुरुआत बिटकॉइन के माध्यम से वर्ष 2009 में हुई थी तब इस बात का किसी को भी अंदाज़ा नहीं था कि औने-पौने क़ीमत पर मिल रही ये क्रिप्टोकरेंसी भविष्य में क़िस्मत बदलने वाली जादू की छड़ी जैसी बन जाएगी और मात्र एक कॉइन की क़ीमत एक लक्ज़री कार के बराबर हो जायगी. आज इसकी क़ीमत 26. 88. 173.74 रुपये है जो की निरंतर बढ़ता ही जा रहा.
वक़्त दर वक़्त Bitcoin की बढ़ती लोकप्रियता के वजह से और भी नए Crypto coins लांच होने लगे और वो भी बिटकॉइन से बेहतर स्वरुप के साथ। जिसके फलस्वरूप उनकी लोकप्रियता पैसे से पैसा बनाने की ये कला एक नए आयाम तक पहुँच गयी।
आज तो आलम ये है की ही इससे मिलने वाले बेहतरीन रिटर्न के वजह से अधिकाँश लोग परंपरागत stock market में निवेश को छोड़ कर crypto market में कूद पड़े है और जमकर पैसे भी इकट्ठे कर रहे है।
संभवतः आप भी इसके अभूतपूर्व सफलता से परिचित है और इससे प्रेरित होकर इसके चमकते सितारों में से कुछ अपने नाम करने का सोच रहे होंगे।
निवेश के विचारो के तहत इस वक़्त जो सबसे पहला सवाल आपके मन में आता होगा, वो ये की भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे की जाये? (How to invest in Cryptocurrency in India 2021)
और वो कौनसे ऐसे सर्वश्रेष्ठ एक्सचेंज प्लैटफॉर्म्स है जहाँ से इनको खरीदना सुरक्षित है? (which are the best platforms from where it is safe to buy cryptocurrency ?
इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको एक step by step प्रक्रिया बताऊंगा जिसका आप अनुसरण करके अपना पहला क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते है। साथ ही कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिन्दुओ को साझा करुंगा जो की क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? इसको लेकर आपकी समझ को और मजबूत करेगा।
तो चलिए शुरू करते है,
सबसे पहले हम शुरुआत करेंगे, 2021 की 10 बेस्ट क्रिप्टोकरेंसी (10 best cryptocurrency in Hindi) की लिस्ट के साथ, जिसके बारे में मैंने अपने पिछले आर्टिकल “2021 के 10 Best Cryptocurrency जो आपकी किस्मत बदल सकते है”, में विस्तार से वर्णन किया है।
2021 में निवेश के लिए 10 सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोकरेंसी (10 Best Cryptocurrency to invest in 2021 in Hindi)
क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले ऊपर बताये गए भारत में बेस्ट क्रिप्टो एक्सचेंज की लिस्ट में एक का चुनाव करेंगे। आप चाहे तो उसके android / ios app को डाउनलोड कर सकते है नहीं तो उसके वेबसाइट पर भी जाकर अकाउंट set up start कर सकते है।
आपको अपने नाम फ़ोन नंबर इत्यादि के साथ आपको अपने कुछ personal और basic इनफार्मेशन देने होंगे तथा उस बैंक अकाउंट का भी डिटेल्स देना होगा जिसको आप इस क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? एक्सचेंज के साथ जोड़ना चाहते है। साथ ही साथ आपको अपनी पहचान के लिए एक कोई भी सरकारी identity card के साथ फोटो खींच कर अपलोड करना होगा। ये आपके identity card आपको अपने पसंद के क्रिप्टो एक्सचेंज के हिसाब से करने होंगे।
क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट बनाने के लिए जरुरी Documents
Crypto exchange क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? में अकाउंट सेटअप करने के समय ये कुछ डाक्यूमेंट्स अपने पास पहले से तैयार रखे ताकि आप ज़्यादा परेशानी से बच सके.।
- एक वैध ईमेल ID
- एक फ़ोन नंबर जो OTP वेरिफिकेशन के समय देना होगा
- जिस बैंक अकाउंट को एक्सचेंज के साथ जोड़ना चाहते है उसके सारे डिटेल्स आपके पास होने चाहिए
उपरोक्त अंकित सारे प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको 5 मिनट से लेकर 24 घंटे का इंतज़ार करना होगा एक्सचेंज के तरफ से अकाउंट वेरीफाई होने के लिए।
अब चलते है article के मुख्य सवाल “भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करे ? (How to Invest in Cryptocurrency in India?)” के तरफ,
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करे ? (How to Invest in Cryptocurrency in India)
अब तक के बताये गए तरीको को follow करते हुए अगर अपने अपना अकाउंट बना लिया है तो अब आप तैयार है बिटकॉइन या किसी अन्य Cryptocurrency में निवेश करने के लिए। निचे बताये गए स्टेप्स का अनुसरण करके आप अपना पहला क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते है।
- अपने चुने गए crypto exchange अकाउंट में Log in करे
- अपने कनेक्टेड बैंक अकाउंट से क्रिप्टो अकाउंट में क्रिप्टो खरीदने के लिए जरुरी पैसे ट्रांसफर करे
- क्रिप्टो एक्सचेंज के Dashboard से उस क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन लिटेकिन,एथेरेयम इत्यादि को सेलेक्ट करे जिसे आप खरीदना चाहते है
- अब चुनाव करे की कौनसी करेंसी कितनी खरीदनी है
- क्रिप्टो के खरीदने वाले ऑप्शन के चुनाव के पहले उसकी उसके वर्तमान कीमत को दुबारा जरूर चेक करे तथा उससे कीमतों से जुड़े बदलाव को ग्राफ में जरूर देख ले.
- अगर आप सारे बिन्दुओ से पूरी तरह से सहमत है तो अपना आर्डर लगा कर सकते है
- आप इसे क्रिप्टो एक्सचेंज app/wesbsite के wallet में स्टोर कर सकते है या किसी थर्ड पार्टी app के हॉट या कोल्ड स्टोरेज में ट्रांसफर कर सकते है
भारत में बिटकॉइन कैसे ख़रीदे? (How to buy Bitcoin in in India in Hindi)
बिटकॉइन को भी खरीदने के लिए आपको यही तरीका लगाना होगा जो की उपरोक्त है। लेकिन जैसा की हम सभी जानते है की इसकी लोकप्रियता के वजह से इसकी कीमत आज आसमान छूने लगी है और इसकी ताज़ा कीमत लगभग 26 लाख रुपये प्रति कॉइन है।
फलस्वरूप आपके मन में भी ये सवाल जरूर उठता होगा की “क्या इतनी ऊँची कीमतों के बाद भी क्या हर कोई bitcoin खरीद सकता है?”
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे करता है काम, मोदी सरकार क्यों ला रही बिल? जानें सबकुछ
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) नाम सुना हुआ लग रहा होगा. क्योंकि ये इन दिनों सुर्खियों में है. वजह है कांग्रेस (Congress) का आरोप की देश का सबसे बड़ा घोटाला और मोदी सरकार (Modi government) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक बिल लाने की चर्चा. इन सबके बीच आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे. आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?) कैसे काम करता है?(How it Works) मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक क्यों लाने जा रही है? भारत में इसको इस्तेमाल करने वाले कितनी बड़ी हस्तियां है? कांग्रेस क्यों लगा रही देश का सबसे बड़ा घोटाला का आरोप और किन देशों में इसे मान्यता मिली हुई है. हम इस लेख में इन सारे मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे.
खबर में खास
- क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
- कैसे काम करता है?
- कौन बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है?
- मोदी सरकार क्यों ला रही बिल?
- कांग्रेस का आरोप क्या है?
- किन देशों में मान्य है?
- इन देशों ने लगाया बैन?
- आयकर कानून में बदलाव पर विचार
- RBI के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को सनक बताया
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)
बिटकॉइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. बिटकॉइन (Bitcoin) कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती बस आपके कंप्यूटर पर कुछ codes के रूप में स्टोर होती है. जिसका ट्रांसफर कर लोग इसे इस्तेमाल करतें है. दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है और इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है. कोई भी सरकार या कंपनी इसे कंट्रोल नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही छेड़छाड़. इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) है. जैसे कि भारत के पास रुपया, अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है. हर देश की अपनी-अपनी करेंसी हैं यानी एक ऐसी धन-प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से जरूरी चीजें खरीद सकते हों. मतलब किसी देश की करेंसी हो जिसकी वैल्यू होती है.
कैसे काम करता है? (how it work Crypto Currency)
क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के तहत मैनेज होता है. हर एक प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है. क्रिप्टोग्राफी की सहायता से क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) रिकॉर्ड स्टोर किया जाता है. आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. इस ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है. जिसके लिए वह एक क्रिप्टोग्राफिक (Cryptographic) पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए सही Hash (एक कोड) सर्च करते हैं.
कौन बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है?
क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) का इस्तेमाल भारत (India) में कई करोड़ों लोग करते हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. इन सबके बीच रणबीर सिंह कॉइन स्विच के लिए प्रचार कर करते हैं तो अमिताभ बच्चन कॉइन DCX के ब्रांड एंबेसडर हैं. वहीं, सलमान खान भी इस डिजिटल दुनिया के करेंसी से दूर नहीं रह पाए और उन्होंने गारी नामक क्रिप्टो टोकन लांच किया था. माना जाता है कि भारत में करीब 10 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) में निवेश किया है.
मोदी सरकार क्यों ला रही बिल?
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को प्रतिबंधित करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है. इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से संबंधित प्रौद्योगिकी और इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए. भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है.
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों द्वारा कर्नाटक के एक हैकर श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी से नौ करोड़ रुपये के बिटकॉइन (Bitcoin) जब्त किए जाने के बाद प्रभावशाली नेताओं की इस घोटाले में संलिप्तता सामने आई है. हैकर पर सरकारी पोर्टलों को हैक करने समेत कई अन्य आरोप भी हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश का सबसे बड़ा बिटकॉइन घोटाला हुआ है और राज्य की बीजेपी सरकार इस पर पर्दा डाल रही है. उस वक्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया था और कहा था- बिटकॉइन घोटाला बड़ा है, लेकिन बिटकॉइन घोटाले पर पर्दा डालना इससे भी बड़ा है. क्योंकि इससे किसी के अहंकार पर पर्दा डालना है. हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिटकॉइन घोटाला है. इसके तार 14-15 मुल्कों से जुड़े हैं. इस मामले में हर चीज पर पर्दा डालने के षड्यंत्रकारी प्रयास किए गए.
किन देशों क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? में मान्य है?
अमेरिका में भी बिटकॉइन (Bitcoin) चलता है. अमेरिका की तरह ही कनाडा में बी बिटकॉइन (Bitcoin) का खूब इस्तेमाल किया जाता है. ऑस्ट्रेलिया में बिटकॉइन (Bitcoin) इस्तेमाल किया जाता है. इनके अलावा फिनलैंड, बेल्जियम, बुल्गारिया और अल सल्वाडोर जैसे देशों में भी बिटकॉइन का इस्तेमाल होता है.
इन देशों ने लगाया बैन?
बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) पर कई देशों ने बैन लगाया हुआ है. रूस में बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन लगा है. वियतनाम में भी बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन है. वहीं, चीन ने भी इस पर बैन लगया हुआ है. इसके अलावा एक्वाडोर, बोलिविया, कोलंबिया जैसे देशों ने भी बैन लगाया हुआ है.
आयकर कानून में बदलाव पर विचार
सरकार क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को कर दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है. इनमें से कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा, आयकर के बारे में कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से होने वाली आय पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान कर रहे हैं और माल एवं सेवा कर (GST) के संबंध में भी कानून बहुत स्पष्ट है कि दर अन्य सेवाओं की तरह लागू होगी. बजाज ने बताया, हम निर्णय लेंगे. मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर कर चुका रहे हैं. अब जब यह वास्तव में बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि क्या कानून की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं. लेकिन यह एक बजट की गतिविधि होगी. हम पहले से ही बजट के करीब हैं, हमें उस समय को देखना होगा.
RBI के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को सनक बताया
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने 24 नवंबर दिन बुधवार 2021 को कहा, इस समय मौजूद 6,000 क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) में से कुछ ही आगे बनी रहेंगी. राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सनक की 17 वीं शताब्दी में नीदरलैंड में ट्यूलिप फूल को लेकर दीवानगी से तुलना करते हुए कहा, लोग दो कारणों से क्रिप्टोकरेंसी रखते हैं- एक कि यह एक संपत्ति है जिसका मूल्य बढ़ सकता है ओर मुद्रा के रूप में इसे रखा जा सकता है और दूसरा, इसका उपयोग भुगतान में किया जा सकता है.