एएसआई संकेतक

Current Affairs Questions
Recently, Archaeological Survey of India (ASI) in Vangchhia Village has found a unique way of water harvesting technique that was deployed by the people of Ancient Civilization of that area. This village is present in which state?
चुंबकीय उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों
चुंबकीय उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के विषय में निम्नलिखित वाक्यों पर विचार करियेः
- चुंबकीय ध्रुवों को उस धुरी (अक्ष) के तौर पर परिभाषित किया जाता है, जिसके चारों ओर ग्रह घूमता है या स्थिर है।
- पृथ्वी की चुंबकीय रेखा की उत्पत्ति उसकी बाहरी कोर से है, जो आंतरिक कोर के चारों ओर करीब 2000 किमी- से अधिक की तरल लौह और निकेल जैसे अन्य धातुओं की परत है।
ऊपर के वाक्यों में कौन सही है/हैं?
हिंदुकुश हिमालय
निम्नलिखित में किसने हाल ही में हिंदुकुश हिमालय मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की थी?
मूल ढांचा
मूल ढांचा के सिद्धांत के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करियेः
- संविधान में कहीं भी ‘मूल ढांचा’ का कोई उल्लेख नहीं है।
- संविधान की न्यायिक समीक्षा और संघीय चरित्र मूल ढांचा के दायरे में आता है।
नीचे दिए गए कोड में से सही उत्तर चुनेंः
इंटरनेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी
हाल ही में जारी ‘इंटरनेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) इंडेक्स 2019’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करियेः
- यह विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (ॅप्च्व्) द्वारा प्रतिवर्ष जारी किया जाता है।
- भारत को 50 देशों में 44 वें स्थान पर रखा गया है।
- यह 40 अलग-अलग संकेतकों के आधार पर 50 देशों में आईपी माहौल का विश्लेषण करता है।
नीचे दिए गए कोड में से सही उत्तर चुनेंः
भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत कदम के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करियेः
- तटस्थ रुख (Neutral stance) के तहत त्ठप् के पास रेपो दर या नीतिगत दर (Policy rate) को बढ़ाने या घटाने का लचीलापन है।
- स्थिर रुख (Accommodative stance) का अर्थ होगा कि RBI नीतिगत दर (Policy rate) को स्थिर बनाए रखेगा या बढ़ाएगा।
नीचे दिए गए कोड में से सही उत्तर चुनेंः
केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान
‘केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान’ के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार करियेः
- यह बनास और चंबल नदी के संगम पर स्थित है।
- यह एक मानव निर्मित और मानव-प्रबंधित आर्द्रभूमि (ूमजसंदक) है।
- यह वर्ल्ड हेरिटेज कन्वेंशन के तहत वर्ल्ड हेरिटेज स्थल के रूप में सूचीबद्ध है।
नीचे दिए गए कोड में से सही उत्तर चुनेंः
गुआम सैन्य
गुआम सैन्य अड्डा स्थित है?
जल संचयन
हाल ही में वंगछिया गांव में एएसआई ने जल संचयन (water harvesting) तकनीक का एक अनूठा तरीका खोजा है जो उस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता के लोगों द्वारा तैयार किया गया एएसआई संकेतक था। यह गांव किस राज्य में मौजूद है?
Corruption Perceptions Index 2018
Consider the following statements vis-à-vis recently released Corruption Perceptions Index 2018:
- Corruption Perceptions Index is released annually by the World Economic Forum.
- India has been ranked below China in the Corruption Perceptions Index.
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श्री सूर्य पहाड़ (असम)
विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित, श्री सूर्य पहाड़, असम के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विरासत स्थलों में से एक है। असम के गोलपाड़ा शहर से लगभग 12 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित, यह स्थल एक पहाड़ी इलाके में स्थित है, जिसमें कई शैलकर्तित शिवलिंग, मन्नत स्तूप और हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के देवी-देवताओं की नक्काशीदार आकृतियाँ हैं। 'सूर्य की पवित्र पहाड़ी' के रूप में भी प्रसिद्ध, श्री सूर्य पहाड़, यद्यपि अब खंडहर में तब्दील हो चुका है, फिर भी यह प्राचीन असम के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
श्री सूर्य पहाड़ का प्रवेश द्वार
श्री सूर्य पहाड़ में जैन परिसर का दृश्य
सूर्य पहाड़ नाम इस बात का संकेतक है कि शायद यह स्थल सूर्य देव की पूजा करने की प्रथा से जुड़ा था। सूर्य देव की उपासना असमिया लोगों एएसआई संकेतक के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक प्रमुख स्थान रखती है। सूर्य पहाड़ प्राचीन असम में मौजूद दो सूर्य मंदिरों में से एक है और इसका उल्लेख ‘कालिका पुराण’ में मिलता है। इस स्थल पर की गई पुरातात्विक खुदाई में विभिन्न युगों की कलाकृतियाँ प्राप्त हुई हैं, जो ईसा की 5वीं से 12वीं शताब्दी तक की हैं। यहाँ मिली पकी मिट्टी (टेराकोटा) और पत्थर की मूर्तियाँ हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों के संगम को दर्शाती हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर इसकी सामरिक स्थिति के कारण, यह माना जाता है कि यह स्थल अहोम युग से पहले एक समृद्ध व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में कार्य करता था। विभिन्न क्षेत्रों के यात्री और व्यापारी यहाँ एकत्रित हुआ करते थे, जिससे यह विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के मिलन का केंद्र बन गया। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग के वृत्तांत बताते हैं कि प्रागज्योतिषपुर (महाभारत में वर्णित) की प्राचीन भूमि श्री सूर्य पहाड़ के वर्तमान क्षेत्र से संबंधित है।
पुरातत्वविदों ने पहाड़ियों के चारों ओर बिखरे हुए विभिन्न आकृतियों और आकारों के कई लिंगों की खोज की है। एक किंवदंती के अनुसार, ऋषि वेद व्यास ने दूसरी काशी बनाने के लिए इस स्थल पर 99,999 शिवलिंग स्थापित किए थे। वर्तमान काशी (वाराणसी) में 100,000 लिंग स्थापित हैं। आगे की खुदाई में पहाड़ियों के आसपास घरों के निशान मिले हैं। क्षेत्र के भौगोलिक और मौसम संबंधी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, इन घरों का ईंटों से सावधानीपूर्वक निर्माण और कलात्मक ढंग से अलंकरण किया गया था। इन खोजों द्वारा, प्राचीन असम में सूर्य पहाड़ के आसपास एक संपन्न एवं उन्नतिशील सभ्यता के अस्तित्व के बारे में प्रचलित विश्वास और सुदृढ़ हो जाता है।
श्री सूर्य पहाड़ में तीन स्तूप परिसर का दृश्य
ईंट मंदिर परिसर के अवशेष
श्री सूर्य पहाड़ की तलहटी में, हिंदू देवी-देवताओं की शैल नक्काशी देखी जा सकती है। इनमें भगवान शिव और भगवान विष्णु जैसे हिंदू देवताओं की मूर्तियों वाली पट्टियाँ (पैनल) हैं। बारह भुजाओं वाले भगवान विष्णु, जिनके सिर पर सात फनों वाला छत्र है, बहुत प्रमुख हैं। वर्तमान में दसभुज दुर्गा के रूप में पूजे जाने वाले ये ईश्वर, कमल के पुष्प पर खड़े हैं। यद्यपि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इन्हें एक पुरुष देवता के रूप में चिन्हित किया है, लेकिन अन्य विद्वान इन्हें माँ मन्शा का रूप मानते हैं। आगे दक्षिण में, ग्रेनाइट पत्थरों को काटकर बनाए गए विभिन्न आकारों के एएसआई संकेतक 25 मन्नत स्तूप हैं। यहाँ बौद्ध धर्म का प्रभाव सुस्पष्ट है, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अनुसार, नक्काशी का आकार इंगित करता है कि वे बौद्ध धर्म के हीनयान चरण के दौरान बनाए गए थे। स्थल पर प्रसिद्ध जैन धर्म से संबंधित विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ और शिलालेख भी पाए गए हैं, जिनमें 9वीं शताब्दी ईसा पूर्व के प्रथम जैन तीर्थंकर- आदिनाथ की मूर्ती भी शामिल है। ये जैन अवशेष उत्तर-पूर्व भारत में जैन धर्म के अस्तित्व का प्रमाण देते हैं।
वर्तमान में श्री सूर्य मंदिर में रखी, सूर्य चक्र नामक एक नक्काशीदार पत्थर की पटिया, पुराने सूर्य मंदिर की छत का टूटा हुआ हिस्सा मानी जाती है। पटिया के आंतरिक घेरे के अंदर बनी केंद्रीय आकृति को प्रजापति (प्राचीन भारत के वैदिक काल के निर्माण देवता) के रूप में पहचाना जाता है। पटिया का बाहरी घेरा बारह कमल की पंखुड़ियों के रूप में है। प्रत्येक कमल की पंखुड़ी में विभिन्न सौर देवताओं की एक बैठी हुई आकृति है, जिन्हें आदित्य के नाम से जाना जाता है। सूर्य चक्र के समान ही चंद्र चक्र है, जो अब खंडहर हो चुका है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और असम पुरातत्व विभाग द्वारा श्री सूर्य पहाड़ में की गई खुदाई में ईसा की 5वीं से 12वीं शताब्दी तक कई कलाकृतियों पाई गईं हैं। स्थल पर एक संग्रहालय है, जिसमें खुदाई में प्राप्त अधिकांश पुरावशेषों को प्रदर्शित किया गया है, जैसे पत्थर की एएसआई संकेतक गजसिम्हा और महिषासुरमर्दिनी की मूर्तियाँ, एक शेर का सुसज्जित सिर, एक साँचें में ढली हुई मछली, मानव आकृतियों से युक्त फ़लक, और पौराणिक जानवर, कीर्तिमुख, फूलदार और ज्यामितीय डिज़ाइनों से सजी टाइलें, इत्यादि। श्री सूर्य पहाड़ असम के समृद्ध और विभिन्न परतों वाले सांस्कृतिक इतिहास का साक्षी है, और यह उम्मीद की जाती है कि आगे की खुदाई में कई और कलाकृतियाँ प्राप्त की जाएँगी।
दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमानः एसबीआई रिसर्च
मुंबई, 28 नवंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध टीम ने विनिर्माण गतिविधियों में कमजोरी और मार्जिन के बढ़ते दबाव को देखते हुए जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
एसबीआई रिसर्च की तरफ से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रह सकती है जो औसत अनुमान से 0.30 प्रतिशत कम है।
सरकार की तरफ से जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़े 30 नवंबर को जारी किए जाने हैं।
एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष की अगुवाई वाली टीम के मुताबिक, दूसरी तिमाही में बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर बाकी कंपनियों के परिचालन लाभ में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में 35 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, आलोच्य तिमाही में इन कंपनियों के राजस्व में वृद्धि दर अच्छी रही है लेकिन उनके लाभ में एक साल पहले की तुलना में करीब 23 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इसके अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर अन्य सूचीबद्ध कंपनियों के मार्जिन पर दबाव भी देखा गया है। उत्पादन लागत बढ़ने से कंपनियों का परिचालन मार्जिन दूसरी तिमाही में घटकर 10.9 प्रतिशत रह गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 17.7 प्रतिशत था।
एसबीआई रिसर्च का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर औसत बाजार अनुमान (6.1 प्रतिशत) से कहीं कम 5.8 प्रतिशत रह सकती है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की समूची अवधि में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है जो भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले अनुमान से 0.20 प्रतिशत कम है।
एसबीआई रिसर्च का यह अनुमान 41 अग्रणी संकेतकों के समूह पर आधारित समग्र सूचकांक पर आधारित है।
घोष ने कहा कि यह अनुमान दर्शाता है कि जून और सितंबर के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती रही लेकिन अक्टूबर में आर्थिक गतिविधियों के सुधरने से तीसरी तिमाही में आंकड़े बेहतर होने की उम्मीद बंधती है।
उन्होंने कहा कि कई संकेतक वैश्विक झटकों, मुद्रास्फीति-जनित दबावों और बाहरी मांग में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के जुझारू चरित्र को दर्शाते हैं।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
एएसआई संकेतक
हिसार : गाड़ी के सामने पशु आने से दुर्घटना, आरएमपी डाक्टर व बाॅक्सर की मौत
दोस्त से मिलने उसके गांव सोरखी जा रहे थे दोनों
हिसार, 14 नवम्बर (हि.स.)। हिसार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर गढ़ी गांव के समीप कार सवार दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। सड़क हादसे की सूचना मिलने पर बास पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों युवकों को गाड़ी से निकाल नागरिक अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान उमरा निवासी डॉ. सतीश व राकेश कुमार के रूप में हुई है।
पुलिस ने मृतक के भाई परमजीत के बयान पर इतेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जांच अधिकारी एएसआई राकेश कुमार ने सोमवार को बताया कि उमरा निवासी 33 वर्षीय राकेश कुमार व 25 वर्षीय सतीश कुमार रविवार रात को अपनी कार पर सवार होकर अपने दोस्त विपिन से मिलने के लिए उसके सोरखी गांव जा रहे थे। जैसे ही उनकी कार गढ़ी गांव से थोड़ी आगे निकली तो उनकी गाड़ी के सामने अचानक ही कोई आवारा पशु सामने आ गया और पशु को बचाने के प्रयास में जैसे ही कार चालक ने ब्रेक लगाए तो गाड़ी का टायर फट गया और और उनकी कार अनियंत्रित होकर पलटे खाती हुई सड़क किनारे 20 फुट ड्रेन में जा गिरी। ड्रेन 20 फुट गहरी व उसमें पानी भरा होने के कारण राकेश व सतीश की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक सतीश कुमार विवाहित था और गांव में क्लिनिक चलाता था। सतीश अपने पीछे एक लड़का व लड़की तथा पत्नी छोड़ गया जबकि राकेश अविवाहित था और गांव के ही एक कोचिंग सेंटर में बाॅक्सिंग की प्रेक्टिस करता था। गांव के दो युवाओं की सड़क हादसे में मौत की सूचना के बाद गांव में सन्नाटा फैल गया और काफी संख्या में ग्रामीणों ने नागरिक अस्पताल पहुंच परिजनों को संभाला।
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