मुद्रा व्यापार

मूल्य सीमा

मूल्य सीमा
फ़ेलिशिया पार्क ($ 315,000 - $ 2,135,000)

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, समिति 2 अलग-अलग तरह के मूल्य निर्धारण व्यवस्था को बढ़ावा दे सकती है. इसके साथ ही ONGC और OIL India Limited के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली गैस की कीमतों को लेकर भी मूल्य सीमा तय करने की बात की जा रही है.

लक्जरी अपार्टमेंट और उनकी मूल्य सीमा

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यह विचार कि मूल्य सीमा विलासिता केवल अलग-थलग पड़े विला का पर्याय है और विशाल हवेली लंबी मृत है। संपन्न खरीदार अब शहर के बीचोबीच रहने के बाद हैं, जबकि सभी हलचल से दूर रहने के बावजूद, खुद को एक उच्च मंजिल में अलग कर लेते हैं। पेंटहाउस समान रूप से महंगे हैं और कभी-कभी लागत-और विलासिता के मामले में एक अच्छी पुरानी हवेली से भी अधिक है। अपने गतिशील अचल संपत्ति बाजार के साथ, इस्तांबुल प्रमुख रूप से अच्छी तरह से बंद लोगों के लिए शीर्ष डॉलर के लक्जरी अपार्टमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जो अपने सबसे अच्छे और लक्जरी के शिखर पर रहने वाले शहर का आनंद लेना चाहते हैं। यहाँ कुछ बेहतरीन विकल्प हैं जो कभी भी इस्तांबुल में मिल सकते हैं।

LPG GAS Price Today: आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी! इतनी सस्ती हो जाएगी गैस, सरकार का है खास प्लान

LPG GAS Price Today: आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी! इतनी सस्ती हो जाएगी गैस, सरकार का है खास प्लान

LPG GAS Price Today : बढ़ती महंगाई से जूझ रहे देश के आम लोगों को एक बड़ी राहत मिलने जा रही है। केंद्र सरकार जल्द ही गैस सस्ती करने के लिए खास प्लान पर काम कर रही है। इस प्लान के आते ही खाना बनाने वाली गैस समय सीएनजी के दाम में गिरावट आएगी। बता दें कि इस समय LPG की कीमतों में भारी तेजी देखने को मिल रही है। पिछले महीने कमर्शियल गैस के दामों में भी वृद्धि हुई थी, चलिए बताते हैं क्या है सरकार का नया प्लान….

ज़ी न्यूज़ पर जारी की गई रिपोर्ट के मूल्य सीमा मुताबिक गैस की कीमतों की समीक्षा करने वाली कमेटी इस प्लान पर काम कर रही है, जिससे प्राकृतिक गैस के मूल्य सीमा को तय करने का फैसला किया जा सके। सरकार के इस फैसले के बाद सीएनजी और पीएनजी दोनों की मूल्य सीमा कीमतों में ही गिरावट देखने को मिलेगी।

मूल्य सीमा

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  • अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को 5 जून, 2020 को जारी किया गया। यह अध्यादेश अनिवार्य वस्तुएं एक्ट, 1955 में संशोधन करता है। एक्ट केंद्र सरकार को कुछ वस्तुओं के उत्पादन, सप्लाई, वितरण, व्यापार और वाणिज्य को नियंत्रित करने का अधिकार देता है। अध्यादेश कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने और किसानों की आय मूल्य सीमा में वृद्धि करने का प्रयास करता है। इसका लक्ष्य रेगुलेटरी प्रणाली को उदार बनाना और उपभोक्ताओं के हितों का रक्षा करना है।
  • खाद्य पदार्थों का रेगुलेशन: एक्ट केंद्र सरकार को कुछ वस्तुओं (जैसे खाद्य पदार्थ, उर्वरक और पेट्रोलियम उत्पाद) को अनिवार्य वस्तुओं के रूप में निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है। केंद्र सरकार ऐसी अनिवार्य वस्तुओं के उत्पादन, सप्लाई, वितरण, व्यापार और वाणिज्य को रेगुलेट या प्रतिबंधित कर सकती है। अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया है कि केंद्र सरकार केवल असामान्य परिस्थितियों में कुछ खाद्य पदार्थों, जैसे अनाज, दालों, आलू, प्याज, खाद्य तिलहन और तेलों की सप्लाई को रेगुलेट कर सकती है। इन परिस्थितियों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) युद्ध, (ii) अकाल, (iii) असामान्य मूल्य वृद्धि, और (iv) गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदा।
  • स्टॉक लिमिट लागू करना: एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार यह रेगुलेट कर सकती है कि कोई व्यक्ति किसी अनिवार्य वस्तु का कितना स्टॉक रख सकता है। अध्यादेश में यह अपेक्षा की गई है कि विशिष्ट वस्तुओं की स्टॉक की सीमा मूल्य वृद्धि पर आधारित होनी चाहिए। स्टॉक की सीमा निम्नलिखित स्थितियों में लागू की जा सकती है: (i) अगर बागवानी उत्पाद के रीटेल मूल्य में 100% की वृद्धि होती है, और (ii) नष्ट न होने वाले कृषि खाद्य पदार्थों के रीटेल मूल्य में 50% की वृद्धि होती है। वृद्धि की गणना, पिछले 12 महीने के मूल्य, या पिछले पांच महीने के औसत रीटेल मूल्य (इनमें से जो भी कम होगा) के आधार पर की जाएगी।
  • अध्यादेश में प्रावधान है कि कृषि मूल्य सीमा उत्पाद के प्रोसेसर या वैल्यू चेन के हिस्सेदार व्यक्ति पर स्टॉक की सीमा लागू नहीं होगी, अगर उस व्यक्ति का स्टॉक निम्नलिखित से कम है: (i) प्रोसेसिंग की इंस्टॉल्ड क्षमता की सीमा, या (ii) निर्यातक की स्थिति में निर्यात की मांग। वैल्यू चेन के हिस्सेदार का अर्थ है, ऐसा व्यक्ति जो उत्पादन में संलग्न है या कृषि उत्पाद की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, परिवहन या वितरण के किसी चरण में उसका मूल्य संवर्धन करता है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली की एप्लिकेबिलिटी: अध्यादेश के खाद्य पदार्थों के रेगुलेशन और स्टॉक लिमिट को लागू करने से मूल्य सीमा संबंधित प्रावधान सार्वजनिक वितरण प्रणाली और लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित सरकारी आदेश पर लागू नहीं होंगे। इन प्रणालियों के अंतर्गत सरकार पात्र व्यक्तियों को रियायती कीमतों पर खाद्यान्न वितरित करती है।

आम जनता के लिए खुशखबरी, इतने रुपये सस्ती हो जाएगी गैस, सरकार ने बनाया खास प्लान

आम जनता के लिए खुशखबरी, इतने रुपये सस्ती हो जाएगी गैस, सरकार ने बनाया खास प्लान

नई दिल्ली : आम जनता को जल्द ही महंगी गैस से राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही गैस सस्ती करने के लिए खास प्लान बना रही है. इससे खाना बनाने वाली गैस समेत सीएनजी की कीमतों में गिरावट आएगी. इस समय एलपीजी की कीमतों (LPG Price) में तेजी देखने को मिल रही है. पिछले महीने भी कॉमर्शियल गैस की कीमतों में तेजी देखने को मिली थी. आइए आपको बताते हैं कि सरकार का क्या प्लान है.

गैस की तय हो सकती है मूल्य सीमा

गैस की कीमतों की समीक्षा करने वाली कमेटी की तरफ से एक प्लानिंग की जा रही है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की मूल्य सीमा तय करने करने का फैसला लिया जा सकता है. इसको लेकर सिफारिश की जा सकती है. सरकार के इस फैसले से सीएनजी और पीएनजी दोनों की ही कीमतों में गिरावट आएगी.

Gas Cylinder Price: अब जल्दी सस्ते में मिलेगा गैस सिलेंडर, सरकार ने बनाया ये शानदार प्लान

आम जनता को जल्द ही महंगी गैस से राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार (Central Government) गैस सस्ती करने के लिए खास प्लान बना रही है.

Gas Price : देश की आम जनता को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार जल्द ही गैस की कीमतों को लेकर फैसला ले सकती है. केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही गैस सस्ती करने के लिए खास प्लान बना रही है. इससे खाना बनाने वाली गैस समेत सीएनजी की कीमतों में गिरावट आएगी. इस समय एलपीजी की कीमतों (LPG Price) में तेजी देखने को मिल रही है. पिछले महीने भी कॉमर्शियल गैस (Commercial Gas) की कीमतों में तेजी देखने को मिली थी. जिससे आम लोगों की जेब पर खर्च का बोझ गया है.

तय हो सकती है गैस की मूल्य सीमा : गैस की कीमतों की समीक्षा करने वाली कमेटी की तरफ से एक प्लानिंग की जा रही है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की मूल्य सीमा तय करने करने का फैसला लिया जा सकता है. इसको लेकर सिफारिश की जा सकती है. सरकार के इस फैसले से सीएनजी और पीएनजी दोनों की ही कीमतों में गिरावट आएगी. जिससे आम जनता को काफी राहत मिल मिलेगी.

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